भुवनेश्वर. ओडिशा में आगामी पंचायत चुनाव के दौरान हलफनामे में गलत जानकारी देना उम्मीदवारों के लिए महंगा पड़ेगा. उन्हें छह महीने की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है. ओडिशा सरकार ने ‘ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम, 1964’, ‘ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम, 1959’ और ‘ओडिशा जिला परिषद अधिनियम 1991’ में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश ‘ओडिशा पंचायत कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2021’ जारी किया है.
इस संबंध में कानून विभाग ने ‘द ओडिशा गजट’ में शुक्रवार, 24 दिसंबर, 2021 को एक अधिसूचना प्रकाशित की है. इस अध्यादेश के अनुसार, सरपंच, समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्यों के पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने आपराधिक इतिहास, संपत्ति और देनदारियों और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित विवरण वाला एक हलफनामा अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा.
अध्यादेश के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार जो स्वयं या अपने प्रस्तावक के माध्यम से चुनाव में चुने जाने के इरादे से झूठी जानकारी देता है, जिसे वह जानता है या उसके पास गलत होने का कारण है या कोई जानकारी छुपाता है, जिसका नामांकन पत्र या उसके हलफनामे में जो दिया जाना आवश्यक है, दंडीयन होगा. उसे कारावास हो सकती है, जिसकी अवधि छह महीने तक हो सकती है, या जुर्माना, या दोनों तरह से दंडनीय होगा.
यहां उल्लेखनीय है कि अब तक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए यह नियम अनिवार्य था. अब इसे जमीनी स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं में पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.