कोरापुट. कोरापुट जिले में एक महिला माओवादी कैडर ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. जानकारी के अनुसार, वह भाकपा (माओवादी) के नुआपड़ा संभाग के मैनपुर में स्थानीय गुरिल्ला दस्ते (एलजीएस) में पार्टी सदस्य के रूप में कार्यरत थी. शनिवार को कोरापुट में दक्षिण पश्चिमी रेंज के डीआईजीपी के समक्ष उसने आत्मसमर्पण कर दिया.
महिला माओवादी की पहचान मैनपुर एलजीएस की कमलेश्वरी मारेई उर्फ अमिला के रूप में हुई है, जो पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के विश्रामपुर पुलिस सीमा के अंतर्गत हनमुंडी का निवासी है.
अमिला को वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ के मैनपुर एलजीएस में पार्टी सदस्य के रूप में भाकपा (माओवादी) संगठन में शामिल किया गया था. उसने मैनपुर एलजीएस में 2019 से 2021 तक सत्यम गावड़े की कमान में काम किया. वह एक देसी बंदूक से लैस थी. वह समूह की एक साक्षर सदस्य के रूप में जानी जाती थी. उसने अपने संगठन के अन्य सदस्यों को सामान्य दक्षता सिखाई थी.
ओडिशा सरकार द्वारा की जा रही कई विकास गतिविधियों को देखने के बाद उसने नक्सलवाद के हिंसक रास्ते की निरर्थकता का एहसास हुआ और इस तरह उन्होंने समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और विकास की पहल का हिस्सा बनकर मुख्यधारा का हिस्सा बनने का आह्वान किया था.
मुख्यमंत्री की इस अपील के साथ-साथ ओडिशा सरकार की अच्छी आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति ने भी उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रभावित किया है.
आंतरिक क्षेत्रों में नवरंगपुर पुलिस की नियमित अभियान में वृद्धि और बाद में पुलिस कार्रवाई के निरंतर भय ने भी उसके आत्मसमर्पण में योगदान दिया.
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