-
विमसार को किया शरीर दान
संबलपुर। समाज को मानवता की सीख दे गए जानेमाने मार्बल व्यवसायी चंद्र प्रसाद सिंघल। अपनी मृत्यु के पश्चात स्वर्गीय श्री सिंघल ने अपना शरीर वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के अनाटोमी विभाग को दान कर दिया है। जिसमें सामाजिक संगठन उत्सर्ग के सदस्यों ने महती भूमिका अदा लिया। गौरतलब है कि चंद्र प्रसाद सिंघल ने अपनी जीवितावस्था में शरीर दान करने की इच्छा जाहिर किया था। उसके परिवार की सदस्यों की उपस्थिति में सामाजिक संगठन उत्सर्ग के पहल पर उन्होंने शरीर दान करने की सहमति पत्र पर इच्छा जाहिर किया था। शारीरिक पीड़ा से जुझ रहे चंद्र प्रसाद का 4 फरवरी 2020 को उनके खेतराजपुर स्थित निवास पर निधन हो गया। जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने उनकी अंतिम इच्छा को गंभीरता से ले लिया। उन्होंने तत्काल उत्सर्ग के सदस्यों ने संपर्क साधा और सर्वप्रथम वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के विशेषज्ञों की सहायता से स्वर्गीय श्री सिंघल का नेत्र संग्र्रह किया गया। जिसके बाद उनके पूरे शरीर को अनाटोमी विभाग को प्रदान किया गया। इस अवसर पर स्वर्गीय श्री सिंघल के ज्येष्ट पुत्र अखिलेश सिंघल, कनिष्ठ पुत्र अभिषेक सिंघल, धर्मपत्नी नीरू सिंघल, बाबू दास, सुकुमार्य प्रधान, उत्सर्ग के वरिष्ठ सदस्य डा. विजय प्रधान, प्रणवानंद दानी एवं प्रवीण दीक्षित समेत स्वर्गीय श्री सिंघल के परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।