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ओडिशा की इस महिला को लोग कहते थे चुड़ैल
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गंजाम जिले की महिला को लोगों ने गांव से निकाला
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महिला के हाथों में 12 और पैरों में 19 अंगुलियां
शिवराम चौधरी & साभार नवभारत
ब्रह्मपुर. किसी के शरीर में कोई अंग ज्यादा या कम हो जाए, तो हमारे देश में लोग उसे या तो परेशान करने लगते हैं या फिर उसकी पूजा. ऐसी ही एक महिला हैं ओडिशा के गंजाम जिले में जिन्हें लोग चुड़ैल कहते थे. आज उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है. इनकी पहचान गंजाम जिला के बुगुड़ा प्रखंड के कलंब पंचायत के कादपड़ा गांव की हरिजन साही निवासी कुमारी नायक (75) पुत्री बाउरी नायक के रुप में बतायी गयी है. कुमारी नायक के पैरों में 19 और हाथों में कुल 12 अंगुलियां हैं. यानी कुल मिलाकर 31 अंगुलियां. इन्हीं अंगुलियों के आधार पर कुमारी नायक को गिनीज बुक में जगह मिली है.
बताया जाता है कि उन्हें अपनी जिंदगी का अधिकांश समय घर में छूपकर बिताना पड़ा, क्योंकि उनके गांव के अधिकांश लोग उन्हें चुड़ैल मानते हैं. गंजाम जिले के जिस गांव में कुमारी नायक रहती हैं, वहां के लोग उनके पास नहीं आते थे. लोगों ने उनकी अंगुलियों की वजह से उन्हें चुड़ैल कहना शुरु कर दिया था. इतना ही नहीं, उन्हें गांव से बाहर भेज दिया था. अगर वो किसी के पास जाती थीं, तो लोग उन्हें मारने-पीटने लगते थे. कुमारी नायक गांव से बाहर एक आश्रम में रहती हैं.
गरीब होने की वजह से अपना इलाज नहीं करवा पाईं. परिवार के लोग भी उन्हें छोड़कर जा चुके हैं. कुमारी नायक से गांव का कोई व्यक्ति बात नहीं करता.
है खास तरह की बीमारी
विज्ञान की भाषा में इस बीमारी को पॉलीडैक्टिली कहते हैं. यह बेहद सामान्य बीमारी है. ये बीमारी 5000 लोगों में से किसी एक व्यक्ति को होती है. लेकिन इतनी ज्यादा संख्या में अंगुलियां होना थोड़ा आसामान्य है. अब लोगों ने उम्मीद जताई है कि गिनीज बुक में नाम आने के बाद कुमारी नायक गरीबी कम हो सकती है. गैर-सरकारी संस्थाएं और सरकार की तरफ से अब उनके पास मदद मिलने की घोषणाएं भी की जा रही हैं. पहली बार सरकार ने उनकी तरफ ध्यान दिया है. माना जा रहा है कि ओडिशा सरकार कुमारी नायक को मकान दे और साथ ही पेंशन भी. ऐसा होता है तो 75 वर्षीय नायक कुमारी जिनके पास 31 अंगुलियां हैं, उनकी जीवन सुधर सकता है.
26 अंगुलियों का पिछला रिकार्ड
कुमारी नायक ने 47 वर्षीय पिछले रिकॉर्ड होल्डर और दो बच्चों के पिता देवेन्द्र सुथार को पीछे छोड़ दिया है. देवेंद्र के पैर में 14 अंगुलियां हैं और हाथ में 12. साल 2014 में देवेन्द्र ने रिकॉर्ड बुक में प्रवेश किया.
मुक-वधिर हैं कुमारी नायक, आश्रम में मिला सहारा
पोलसरा के विधायक तथा गंजाम जिला के योजना बोर्ड के अध्यक्ष श्रीकांत साहू ने बताया कि कुमारी नायक मुक-वधिर हैं. उनकी उम्र लगभग 75 साल है. वह किसी से बात नहीं कर पाती हैं. उनकी मुस्कुराहत में ही सबकुछ छिपा होता है. वह सिर्फ हंसती रहती हैं. साहू ने बताया कि गिनीज बुक में नाम दर्ज होने से सबसे अधिक खुशी हम लोगों को हो रही है, क्योंकि वह किसी की बात न तो सुन सकती हैं और ना ही बोल सकती हैं. वह सिर्फ मुस्कराते रहती हैं. साहू ने बताया कि जब वे विधायक नहीं थे, तब 2012 उन्होंने हातीओटो गांव में एक वृद्धा आश्रम बनाया. वर्ष 2107 में एक व्यक्ति ने आकर कुमारी के दर्द को सुनाया तो मैं वहां से उनको यहां लाया और तभी से वह यहीं वृद्धाआश्रम में रह रही हैं. विधायक साहू ने बताया कि हर दो माह में उनके स्वास्थ्य की परीक्षण की जाती है. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं.
जिलाधिकारी भी मिल चुके हैं कुमारी से
15 दिन पहले जिलाधिकारी विजय अमृत कुलंगे भी आश्रम जाकर कुमारी नायक से मिल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने वहां 23 अन्य पुरुष-महिलाओं से भी मुलाकत की.