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नदी घाट पर छठ पूजा की पाबंदी से ओडिशा से व्रती चले बिहार, कटक स्टेशन पर उमड़ी लोगों की भीड़

  • भीड़ अधिक होने से रही अफरातफरी की स्थिति

  • लोगों ने जतायी नाराजगी, सरकार को कोसा, पूछा-पिपिलि चुनाव में कितना फैला कोरोना

शेषनाथ राय, कटक

आस्था एवं विश्वास का महापर्व छठ पूजा पर कटक नगर निगम द्वारा किसी भी तालाब एवं नदी किनारे छठ पूजा लगायी गयी पाबंदी के कारण बिहारी समुदाय के लोग अपने घरों को चल दिये. कल बिहार जाने वाली सप्ताहिक ट्रेन में चढ़ने के लिए कटक में भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ अधिक होने के कारण वहां अफरातफरी की स्थिति नजर आयी. भीड़ के कारण कइयों की चप्पलें स्टेशन छूट गयीं. स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के दौरान लोगों में धक्का-मुक्की भी देखी गई. कुछ लोगों के पैर से चप्पल निकलकर के ट्रेन के नीचे गिर गया और लोगों में काफी असंतोष देखा गया.

छठ पूजा पर प्रतिबंध लगने के बाद बिहारी समुदाय के लोगों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी देखने को मिली. लोगों ने कहा कि नदी किनारे छठ पूजा करने से कोरोना नहीं फैलता. सोमवार को एकमात्र सप्ताहिक ट्रेन पुरी-पटना चलती है. सोमवार को कटक रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन में जाने वाले लोगों की भीड़ देखने को मिली. उल्लेखनीय है कि कटक में हजारों-हजारों की संख्या में बिहार, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड के लोग रहते हैं.

पिपिलि उपचुनाव में कितना फैला कोरोना

बिहार की ओर पलायन कर रहे लोगों ने कहा कि छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं था. अभी खासकर कटक में कोरोना संक्रमण में काफी गिरावट है. जब संक्रमण का दौर था तो पिपिलि विधानसभा का उपचुनाव कराया गया, उस दौरान कितना कोरोना फैला. एक ही राज्य में दो तरह का कानून कैसे हो सकता है. कुछ लोगों ने यह भी आवाज उठाई की हमारी संस्कृति एवं परंपरा के खिलाफ सीएमसी ने प्रतिबंध लगाया है. इससे यह लग रहा है कि आम नागरिक और राजनीतिक पार्टी के लिए अलग-अलग संविधान बना है. अगर यही है तो राजनीति पार्टियों द्वारा विभिन्न समय में आंदोलन और चुनाव कराना कितना उचित है. अभी हाल में ही पिपिलि उपचुनाव हुआ था. क्या इस चुनाव के दौरान कोरोना महामारी नहीं फैला? सिर्फ धार्मिक आयोजनों से ही महामारी फैलती है?

अन्य राज्यों से सीख लेने की सलाह

कुछ लोगों ने कहा कि दिल्ली, बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में सरकारें खुद छठ व्रतियों के लिए घाटों की साफ-सफाई एवं व्यवस्था में जुटी हैं. सैकड़ों साल से कटक के कई इलाकों में छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है, उस पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है.

भीड़ को नियंत्रित करने को नहीं थी व्यवस्था

सोमवार को कटक रेलवे स्टेशन पर भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन की ओर से भी कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी. लोग दौड़-दौड़ कर अपनी बोगी में जा रहे थे.

छठ पूजा आयोजकों ने कानून के समाने हाथ खड़े किये

राजधानी भुवनेश्वर और कटक में छठ पूजा के आयोजन पर प्रशासन की पाबंदी के कारण आयोजकों ने भी हाथ खड़े कर लिये हैं. सभी आयोजकों ने अपने-अपने घरों में छठ पूजा करने की अपील की है.

धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं – शैलेश

शैलेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, कटक महानगर छठ पूजा समिति

कटक महानगर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष शैलेश कुमार वर्मा ने कहा कि सीएमसी द्वारा जारी दिशानिर्देश का हम स्वागत करते हैं. सरकार हरदम जनता के हित में काम करती है, लेकिन कहीं ना कहीं धार्मिक कार्यों पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि आज बाजारों में जिस प्रकार भीड़ हो रही है, जिस प्रकार कुछ दिन पहले पिपिलि चुनाव में भीड़ देखी गई और खुलेआम कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई, क्या उससे कोरोना महामारी नहीं फैला. सिर्फ दो घंटे सुबह और 2 घंटे शाम नदी किनारे खुले आसमान के नीचे छठ पूजा करने से कोरोना फैलता है.

राजनीतिक गतिविधियों पर क्यों नहीं लगती पाबंदी

कटक महानगर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष शैलेश कुमार वर्मा ने कहा कि विभिन्न समय में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा आंदोलन, जनसभाएं आयोजित की जाती हैं. उस समय सरकार की नजर उस पर क्यों नहीं पड़ती, लेकिन धार्मिक कार्यों पर ही पाबंदी क्यों? छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाना यह बहुत बड़ा कुठाराघात है. मैं सरकार से यही विनम्र निवेदन करता हूं कि आने वाले दिनों में सभी वर्गों के लिए एक ही कानून लागू किया जाए, चाहे वह आम नागरिक हो चाहे, राजनीतिक पार्टियां.

भुवनेश्वर में 2051 सक्रिय मामले

राजधानी भुवनेश्वर में कल कोरोना संक्रमण के 129 मामलों की पुष्टि हुई थी. इसके साथ ही कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 2051 हो गयी थी. राजधानी में कोरोना से 1062 रोगियों की मौत कोरोना के कारण हो गयी है.

कटक नगर निगम क्षेत्र में 594 सक्रिय मामले

कटक नगर निगम क्षेत्र में कल 13 नये पाजिटिव मामले पाये थे. सीएमसी क्षेत्र में कल तक 594 मामले सक्रिय थे.

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