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प्रस्तावित परिसीमन एवं सीटों के आरक्षण पर आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित करते हुए नौ नवम्बर तक जारी होंगे प्रारूप अधिसूचना
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने जिलाधिकारियों को राज्य में नग पालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्र परिषदों (एनएसी) में वार्डों के परिसीमन और सीट आरक्षण की प्रक्रिया को 13 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है. अगले साल की शुरुआत मे 105 नगर पालिकाओं और एनएसी के चुनाव होंगे.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा नगरपालिका अधिनियम, 1950 और ओएम (डी.डब्ल्यू.आर.एस और सीई) नियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेटों को वार्डों के परिसीमन और नगरपालिकाओं तथा एनएसी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बीसीसी और महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण का अधिकार प्राप्त है.
अपने निर्देश में आवास एवं शहरी विकास विभाग ने कलेक्टरों को कहा है कि नगरपालिका क्षेत्र को वार्डों में विभाजित करते समय जनसंख्या का समान वितरण, जैसा कि 2011 की जनगणना रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है, विभिन्न वार्डों के बीच और क्षेत्र की सघनता को धारा 12 (3) (बी) (i) और (ii) ओडिशा नगर अधिनियम, 1950 के प्रावधान के अनुसार ध्यान में रखा जाना चाहिए. साथ ही विभाग ने कहा है कि सीटों का आरक्षण एससी, एसटी, बीसीसी और महिलाओं के पक्ष में ओएम (डी.डब्ल्यू.आर.एस और सीई) नियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार किया जाना चाहिए.
जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे वार्ड परिसीमन और सीट आरक्षण से प्रभावित व्यक्तियों से प्राप्त अपील याचिकाएं, यदि कोई हों, अपील की सुनवाई के लिए राज्य सरकार को अग्रेषित करें और उक्त की धारा 12(3) के अनुसार अपीलीय प्राधिकारी के अंतिम निर्णय को अग्रेषित करें.
तिथि के अनुसार कलेक्टरों को वार्डों का परिसीमन एवं सीटों का आरक्षण तथा वार्डों के प्रस्तावित परिसीमन एवं सीटों के आरक्षण पर आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित करते हुए 9 नवम्बर तक प्रारूप अधिसूचना जारी करना होगा. आपत्ति प्राप्त करने की अंतिम तिथि एवं जिलाधिकारियों के सुझाव 18 नवंबर हैं. जिला मजिस्ट्रेट 29 नवंबर तक वार्डों के परिसीमन और सीटों के आरक्षण से संबंधित अधिसूचना प्रकाशित करेंगे. अधिसूचना के प्रकाशन के खिलाफ एच एंड यूडी में सरकार के समक्ष उक्त अधिनियम की धारा-12(3)बी के परंतुक के अनुसार 29 नवम्बर से 13 दिसम्बर के मध्य अपील की जा सकती है.
इस बीच, राज्य के उच्च न्यायालय ने ओडिशा में यूएलबी चुनाव को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई की. राज्य सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया. अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को निर्धारित की गई है.