भुवनेश्वर. भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र रविवार को ममिता मेहर की सनसनीखेज हत्या को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग के मैदान में कूद पड़े. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने एक बड़ा चौंकाने वाला दावा करते हुए मीडियाकर्मियों से कहा कि ममिता की नृशंस हत्या से पहले राज्य मंत्री (गृह) दिव्य शंकर मिश्र के रायपुर आवास पर ममिता और मुख्य आरोपी गोबिंदा साहू के बीच के मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया गया था. ममिता और गोबिंद के बीच मामले को सुलझाने की कुछ कोशिशें चल रही थीं. इसकी जानकारी पुलिस ने शासन स्तर पर पहले ही दे दी थी. करीब दो माह तक मामला लटका रहा. महापात्र ने दावा किया कि उनकी हत्या से पहले रायपुर में मंत्री के आवास पर एक प्रयास किया गया था.
उन्होंने आगे दावा किया कि कुछ कॉल रिकॉर्ड की जांच करने के बाद पुलिस ने सीलबंद लिफाफे में तीसरी मंजिल, पावर कॉरिडोर, जहां से सीएमओ का कार्यालय कार्य करता है, को एक रिपोर्ट सौंपी है.
इस पृष्ठभूमि में, भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आगे मांग की कि मंत्री दिव्य शंकर मिश्र के कॉल विवरण की जांच की जानी चाहिए.
महापात्र के अनुसार, मंत्री मिश्र के अलावा कई अन्य प्रभावशाली लोग गोबिंद साहू के शिक्षण संस्थान के लिए एक लाइन बनाते हुए देखे गए. महापात्र ने आरोप लगाया कि कुछ गैर-ओड़िया अधिकारी भी शामिल हैं, क्योंकि उन्होंने रिपोर्टों को दबा दिया है.
महापात्र के अनुसार, मृतक ममिता, गोबिंद साहू और मंत्री के सभी कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच होने पर मामला स्पष्ट हो जाएगा. खबर लिखे जाने तक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं मिली है. महापात्र के दावों पर मंत्री दिव्य शंकर मिश्र की भी टिप्पणी नहीं मिल सकी थी.