Home / Odisha / मन की बात: ड्रोन प्रौद्योगिकी में भारत को अग्रणी देश बनना है: प्रधानमंत्री मोदी

मन की बात: ड्रोन प्रौद्योगिकी में भारत को अग्रणी देश बनना है: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते अगस्त माह में घोषित नई ड्रोन नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें ड्रोन प्रौद्योगिकी में अग्रणी देश बनना है। इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 82वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुये कहा कि कुछ साल पहले तक जब कहीं ड्रोन का नाम आता था तो लोगों के मन में पहला भाव सेना, हथियारों और युद्ध का आता था। लेकिन आज हमारे यहां कोई शादी-बारात के कार्यक्रम होते हैं तो हम ड्रोन से फोटो और वीडियो बनाते हुए देखते हैं। हालांकि, ड्रोन का दायरा, उसकी ताकत सिर्फ इतनी ही नहीं है। भारत, दुनिया के उन पहले देशों में है, जो ड्रोन की मदद से अपने गांव में जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर रहा है। भारत ड्रोन का इस्तेमाल ट्रांसपोर्टेशन के लिए करने पर बहुत व्यापक तरीके से काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ कैंपेन का हवाला देते हुए आगामी त्योहारों के मौसम में लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपको याद है न- खरीदारी मतलब ‘वोकल फॉर लोकल’। आप लोकल खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है कि जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी। आप अपने यहां के स्थानीय उत्पाद खरीदें, उनके बारे में सोशल मीडिया पर शेयर करें। अपने साथ के लोगों को भी बताएं।
सिंगल यूज प्लास्टिक से मु्क्ति और स्वच्छता को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली पर हम सब अपनी घर की साफ-सफाई में तो जुटने ही वाले हैं। लेकिन इस दौरान हमें ध्यान रखना है कि हमारे घर के साथ हमारा आस-पड़ोस भी साफ रहे। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की बात हमें कभी भी भूलना नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 करोड़ कोरोना रोधी टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता भारत के सामर्थ्य को दिखाती है। यह सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है। मैं अपने देश और यहां के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूं| मैं जानता था कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा बहुत बड़ा जरूर है, लेकिन इससे लाखों छोटी-छोटी प्रेरक और गर्व से भर देने वाले अनेक अनुभव और उदाहरण जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र दिवस का जिक्र करते हुये कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से ही भारत इससे जुड़ रहा है। भारत ने आजादी से पहले 1945 में ही संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर किये थे। उन्होंने कहा कि इस धरती को एक बेहतर और सुरक्षित ग्रह बनाने में भारत का योगदान विश्व के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा एक अनोखा पहलू यह है कि संयुक्त राष्ट्र का प्रभाव और उसकी शक्ति बढ़ाने में भारत की नारी शक्ति ने बड़ी भूमिका निभाई है। 1947-48 में जब मानवाधिकार का यूनिवर्सल डिक्लेरेशन तैयार हो रहा था तो उसमें लिखा जा रहा था- “ऑल मेन आर क्रियेटेड इक्वल”, लेकिन भारत के प्रतिनिधि ने इसपर आपत्ति जताई और फिर यूनिवर्सल डिक्लेरेशन में लिखा गया- “ऑल ह्यूमन बीइंग आर इक्वल।” आगे उन्होंने कहा कि हंसा मेहता ही वो प्रतिनिधि थीं, जिनकी वजह से यह संभव हो पाया।

प्रधानमंत्री ने पिछले सात वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी होन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 2014 में जहां इनकी संख्या 1.5 लाख के करीब थी। वहीं 2020 तक इसमें दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या अब 2.15 लाख तक पहुंच गई है।

उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को हमने पुलिस स्मृति दिवस मनाया है। पुलिस के जिन साथियों ने देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर किये हैं, इस दिन हम उन्हें विशेष तौर पर याद करते हैं। मैं आज अपने इन पुलिसकर्मियों के साथ ही उनके परिवारों को भी याद करना चाहूंगा, क्योंकि परिवार के सहयोग और त्याग के बिना पुलिस जैसी कठिन सेवा बहुत मुश्किल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भगवान बिरसा मुंडा का स्मरण किया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष को याद करते हुए उन्होंने जिस तरह अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिय संघर्ष किया, वह कोई धरती आबा ही कर सकते थे। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों के प्रति गर्व करना सिखाया।
मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा का स्मरण कराते हुये कहा कि इस समय हम अमृत-महोत्सव में देश के वीर बेटे-बेटियों और महान पुण्य आत्माओं को याद कर रहे हैं। अगले महीने 15 नवम्बर को हमारे देश के ऐसे ही महापुरुष वीर योद्धा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। भगवान बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है- धरती पिता।

प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मद्देनजर देशवासियों से भारत की एकता का संदेश देने वाली किसी ना किसी गतिविधि से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय देशभक्ति गीत, रंगोली और लौरी पर तीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने लौहपुरुष को नमन करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को हम ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी-ना-किसी गतिविधि से जरूर जुड़ें। उन्होंने कहा कि कहा कि ये तीनों प्रतियोगिताएं 31 अक्टूबर को सरदार साहब की जयंती से शुरू होने जा रही हैं। आने वाले दिनों में संस्कृति मंत्रालय इससे जुड़ी सारी जानकारी देगा। यह जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट पर भी होगी और सोशल मीडिया पर भी दी जाएगी।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

डिवाइन कनेक्शन गायत्री महायज्ञ आयोजित

अद्यंत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का वार्षिकोत्सव मना भुवनेश्वर। अद्यंत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भुवनेश्वर ने “डिवाइन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *