Wed. Apr 16th, 2025

पुरी
पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर में शुक्ल प्रतिपदा द्वितीय तिथि से दुर्गा माधव की नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा शुरू हुई है। परंपरा के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी विमान (पालकी) में विराजमान होकर दुर्गा माधव दोल मंडप शाही में स्थित मां नारायणी मंदिर पहुंचे। यहां पर पूजा विधि सम्पन्न होने के बाद दुर्गा माधव श्री मंदिर लौट आए। यह परंपरा व नीति 9 दिन अर्थात नवमी तिथि तक जारी रहेगी। मां नारायणी मंदिर में पहुंचने के बाद भगवान जगन्नाथ के प्रतिनिधि दुर्गा माधव की विधि मुताबिक पूजा अर्चना की गई। यह परंपरा काफी पुरानी है। माना जाता है कि यदि कोई भक्त इस गुप्त गुंडिचा यात्रा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ जी के प्रतिनिधि दुर्गा माधव का दर्शन करता है तो उसे अनेक जन्मों का फल प्राप्त होता है।
यहां उल्लेखनीय है कि भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा, चक्रधारी सुदर्शन के साथ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि में श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की नव दिवसीय यात्रा को गुंडिचा यात्रा कहा जाता है, मगर नवरात्रि के समय जब भगवान के प्रतिनिधि दुर्गा माधव की 9 दिवसीय (श्रीमंदिर से नारायणी मंदिर) यात्रा को गुप्त गुंडिचा यात्रा कहा जाता है। श्रीमंदिर में चंदन लागी नीति खत्म होने के बाद दुर्गा माधव पालकी में विराजमान होकर श्री मंदिर लौटे।

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By desk

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