भुवनेश्वर. आर्थिक अपराध शाखा, भुवनेश्वर ने मृत व्यक्तियों के नाम पर 1.18 करोड़ रुपये की पॉलिसियों का लाभ उठाने के आरोप में एलआईसी के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है.
आरोपी की पहचान पुरी के कणास थाना अंतर्गत झड़काटा निवासी कबीरराज बेहरा के रूप में हुई है. भारतीय जीवन बीमा निगम, खुर्दा शाखा के अधिकृत अधिकारी की शिकायत के आधार पर बेहरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
अधिकारी ने आरोप लगाया था कि बेहरा ने मृतक व्यक्तियों के नामांकित व्यक्तियों के साथ साजिश में धोखाधड़ी से मौत के दावे किए थे.
मामले की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी कबीरराज बेहरा साल 2003 से एलआईसी एजेंट के तौर पर काम कर रहा था. वर्ष 2013 से 2019 के दौरान उसने चार मृत व्यक्तियों के नाम पर एलआईसी पॉलिसियों की 23 संख्या धोखे से प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की. उन्हें झूठा रूप से जीवित दिखाया.
उन पॉलिसियों को लेने के लगभग 3 से 5 वर्षों के बाद, उन्होंने बीमित व्यक्तियों के नाम पर नकली मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का प्रयास किया. उन नकली मृत्यु प्रमाण पत्रों को वास्तविक के रूप में उपयोग करके, आरोपी कबीरराज बेहरा ने एलआईसी शाखा कार्यालय, खुर्दा में नामांकित व्यक्तियों के पक्ष में मृत्यु दावों के लिए आवेदन किया और उन 23 पालिसी के खिलाफ मृत्यु दावों का लाभ उठाने का प्रयास किया. जांच में पता चला है कि बीमा पॉलिसी बीमित व्यक्तियों की वास्तविक मृत्यु के बाद ली गई थी, लेकिन प्रीमियम का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा था.
जानबूझकर, सभी पॉलिसियों में बीमित राशि को 10 लाख रुपये से कम रखा गया था, ताकि शाखा प्रबंधक द्वारा मंडल कार्यालय को संदर्भित किए बिना मृत्यु लाभ का निपटान कर सकें.
यह भी पता लगा है कि वर्तमान अभियुक्त के माध्यम से 23 पॉलिसियों के नामांकित व्यक्तियों द्वारा किए गए दावों की कुल राशि 1.81 करोड़ रुपये से अधिक थी और पांच पॉलिसियों के खिलाफ, भारतीय जीवन बीमा निगम ने भुगतान जारी किया था.
जांच के दौरान, आरोपी कबीरराज बेहरा के घर की तलाशी ली गई और उपरोक्त मौत के दावों से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जैसे मतदाता पहचान पत्र, एटीएम कार्ड, बैंक पास बुक, चेक बुक, दावेदार नामितों के आधार कार्ड और एलआईसी द्वारा किए गए पत्राचार उन प्रत्याशियों के साथ जब्त कर लिया गया है.
इसी प्रकार आरोपी एजेंट कबीरराज बेहरा के कब्जे से मृत पॉलिसी धारकों के कथित पूर्ण हस्ताक्षर वाले कुछ कागजात भी जब्त किए गए हैं.
मामले की जांच जारी है. साथ यही भी जांचा जा रहा है कि इस मामले में कहीं 23 पॉलिसियों के नामांकितों/आवेदकों और एलआईसी अधिकारियों की भूमिका भी तो नहीं है.
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