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रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनामिक कारिडोर का होगा विशेष हिस्सा
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भारतमाला परियोजना के तहत हुआ है अनुमोदन, 20 हजार करोड़ रुपये होगा खर्च
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छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रप्रदेश राज्य को जोड़ेगा यह हाईब्रिड मार्ग
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ओडिशा में 240 किलोमीटर होगा लंबा
भुवनेश्वर. ओडिशा में राज्य का पहला हाईब्रिड रोड टनल का निर्माण होने जा रहा है. यह टनल रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनामिक कारिडोर का विशेष हिस्सा होगा तथा इस योजना का अनुमोदन भारतमाला परियोजना के तहत प्रदान की गयी है. इस हाईब्रिड मार्ग की कुल लंबाई 465 किलोमीटर होगी. इस योजना पर 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यह हाईब्रिड मार्ग छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रप्रदेश राज्य को जोड़ेगा. ओडिशा में इस मार्ग की लंबाई 240 किलोमीटर होगी. इसमें नवरंगपुर जिले में 124 किलोमीटर और कोरापुट जिले में 116 किलोमीटर लंबाई होगी. ओडिशा में इस मार्ग के निर्माण पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. छत्तीसगढ़ में 125 किलोमीटर तथा आंध्रप्रदेश में 100 किलोमीटर इस रास्ते की लंबाई होगी. यह रास्ता कोरापुट और नवरंगपुर जिले में होकर गुजर रहा है. कोरापुट के ईस्टर्नघाट पर्वतश्रृंखला में लगभग छह किलोमीटर लंबा टनल का निर्माण होगा. इसमें दो भाग होंगे. इन दोनों के बीच में 10 किलोमीटर में व्यवधान है. कोरापुट जिले के स्मृतिघाट में दो टर्नल निर्माण होगा. इनमें एक की लंबाई 3.5 तथा एक 1.5 किलोमीटर से अधिक है. अगले दिसंबर महीने से इस परियोजना की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है. एनएचआई के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना का नाम रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनामिक कारिडोर है. इस परियोजना को भारतमाला परियोजना के तहत मंजूरी दी गयी है. बताया गया है कि इस परियोजना से पहाड़ों या किसी प्रकार के परिवेश को नुकसान नहीं पहुंचने वाला है. इससे पड़ोसी राज्यों में आवागमन काफी सुलभ होगा. हालांकि पहाड़ों को यथावत रखते हुए टनल को तैयार करना चुनौती भरा होगा. इस टनल के बनने से वाहनों की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. जमीन अधिग्रहण 30 फीसदी कर लिया गया है. सरकारी और जंगल जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अलग है.