गोविंद राठी, बालेश्वर
चांदीपुर से राष्ट्रीय सुरक्षा के लीक होने के मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार पांच आरोपियों को आज सात दिनों के लिए रिमांड पर ले लिया है. एसडीजेएम बालेश्वर की अदालत ने शनिवार को चांदीपुर में डीआरडीओ के एकीकृत परीक्षण रेंज में कथित जासूसी के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को 7 दिन की रिमांड पर दे दिया.
इसकी जानकारी देते हुए ओडिशा क्राइम ब्रांच के एडीजी संजीव पंडा ने बताया कि क्राइम ब्रांच उन्हें 7 दिन के रिमांड पर कटक स्थित अपने मुख्यालय लेकर आएगी. इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जाएगी.
क्राइम ब्रांच मामले की सभी एंगल से जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय एजेंसियों की मदद भी लेगी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी रिमांड अवधि के दौरान आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ कर सकती है. पंडा ने कहा कि आरोपियों से यह जानकारी प्राप्त की जायेगी कि किसको, किस तरह का डेटा ट्रांस्फर किया गया, क्या उनके रिश्तेदारों का इससे संबंध है, पैसों का लेन-देन क्यों किया गया और उन्हें कितना पैसा मिला था. घटना में शामिल अन्य लोगों के विष्य पर पूछताछ की जाएगी.
इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के चार संविदा कर्मचारियों को 14 सितंबर को एक विदेशी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ये आरोपी हैं चांदीपुर थाना क्षेत्र के झाम्पराहाट के बसंत बेहरा (52), सदर थाना अधीन बुआंल गांव का हेमंत कुमार मिस्त्री (52), चांदीपुर थाना अधीन श्रीकोना गांव का शेख मुसाफिर (32) एवं सदर थाना अधीन पालसिया गांव का तापस रंजन नायक(41).
इसके बाद पांचवें आरोपी की पहचान सचिन कुमार चट्टा के रूप में 16 सितंबर को हुई थी और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश के मेरठ के मूल निवासी चट्टा एक स्थायी कर्मचारी था और पिछले कई सालों से एक शीर्ष रक्षा वैज्ञानिक के ड्राइवर के रूप में काम करता था.
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उन्होंने विदेशी एजेंटों को रक्षा रहस्य लीक किए हैं. उन पर उनके राष्ट्र-विरोधी कार्य और आपराधिक साजिश तथा आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.