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ओडिशा सरकार ने शंकर के सिर पर रखा था 20 लाख रुपये का पुरस्कार
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विभिन्न हमलों में 23 जवानों की हत्या में था उसका हाथ
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20 सालों में गिरफ्तार या मारे गये माओदियों में सबसे बड़ा कैडर है शंकर
भुवनेश्वर. ओडिशा पुलिस ने खूंखार माओवादी नेता दुबासी शंकर उर्फ महेंद्र को मंगलवार को कोरापुट जिले के बैपरिगुड़ा से धर-दबोचा है. ओडिशा सरकार ने शंकर के सिर पर 20 लाख रुपये का पुरस्कार रखा था. उसकी गिरफ्तारी ओडिशा पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है. विभिन्न हमलों में 23 जवानों की हत्या में उसका हाथ रहा है तथा 20 सालों में गिरफ्तार या मारे गये माओदियों में सबसे बड़ा कैडर है शंकर.
यह जानकारी देते हुए डीजीपी अभय ने कहा कि महेंद्र 2009 में दामनजोड़ी में सीआईएसएफ कर्मियों पर हमले में कथित रूप से शामिल था. इस घटना में सीआईएसएफ के नौ जवान मारे गए थे. वह 2010 के गोविंदपाली बारूदी सुरंग विस्फोट में भी शामिल था, जिसमें ओडिशा के 11 पुलिसकर्मी मारे गए थे. इसके अलावा, यह आदमी जानिगुड़ा घात में शामिल था, जिसमें बीएसएफ के 3 वरिष्ठ अधिकारी मारे गए थे.
उन्होंने बताया कि बैपरिगुड़ा पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था और उसे आज अदालत भेज दिया गया. यह कोरापुट पुलिस, एसओजी और बीएसएफ के डीवीएफ के लिए एक बड़ी सफलता है. उसके पास से एक इंसास राइफल, गोला-बारूद और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं.
अभय ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में शंकर के साथियों ने आज दोपहर हमारे जवानों पर फायरिंग की, लेकिन हमारी तरफ से कोई हताहत नहीं हुआ है. हालांकि हथियार और गोला-बारूद छोड़कर भाग गए माओवादियों के घायल या हताहत होने के लिए क्षेत्र का आकलन किया जाएगा. अभय ने कहा कि शंकर प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की आंध्र ओडिशा क्षेत्रीय समिति का वरिष्ठ नेता था और उनकी सैन्य समिति का प्रमुख भी था. डीजीपी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में सुरक्षाबलों द्वारा गिरफ्तार किए गए या मारे गए माओवादियों में सर्वोच्च पद का माओवादियों का अधिकारी है.
एक अन्य घटनाक्रम में माओवादियों की एक एरिया कमांडर सोनल माडवी उर्फ किरण ने मंगलवार को कोरापुट के डीआईजी और एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
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