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प्रतिबंधों में ढील दी गयी तो हो सकते हैं लगभग 2000 दैनिक मामले – डॉ सीबीके मोहंती
भुवनेश्वर. चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशक (डीएमईटी) डॉ सीबीके मोहंती ने बुधवार को कहा कि कोविद-19 की तीसरी लहर ओडिशा में दूसरी लहर की तरह तीव्र नहीं हो सकती है. मोहंती ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत गठित विशेषज्ञों की समिति के अनुसार अक्टूबर के अंत तक कोविद-19 के मामले प्रति दिन 4 से 5 लाख तक पहुंच सकते हैं.
इसके अलावा, आईआईटी कानपुर ने अपने गणितीय ‘मॉडल फॉर्मूला’ के अनुसार हाल ही में कहा है कि भारत में कोविद-19 महामारी की तीसरी लहर की संभावना अब नगण्य है. उक्त रिपोर्टों के मद्देनजर, यदि ओडिशा में प्रतिबंधों में ढील दी जाती है, तो लगभग 2000 दैनिक कोविद-19 मामले हो सकते हैं. यदि कोई म्यूटेंट बनता है और कोरोना वायरस फैलता है तो चिंता बढ़ जायेगी. दैनिक मामले 5000 तक पहुंच सकते हैं.
मोहंती ने कहा कि हमने दूसरी लहर के दौरान 10,000 दैनिक मामलों से जूझ चुके हैं. इसलिए यह अच्छी खबर है कि अगर तीसरी लहर भी आती है, तो यह दूसरी लहर की तरह तीव्र नहीं होगी.
आईआईटी कानपुर का गणितीय ‘मॉडल फॉर्मूला’ इस बात का संकेत दे रहा है कि ओडिशा में तीसरी लहर का कोई असर नहीं होगा।
मोहंती ने कहा कि कानपुर मॉडल में, टीकाकरण, सामुदायिक प्रसार और अन्य कारकों सहित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया है. ओडिशा में यह अनुमान लगाया गया है कि यदि छूट में ढील दी जाती है तो अक्टूबर के मध्य तक दैनिक संक्रमण के मामले लगभग 2,000 हो सकते हैं. इसी तरह यदि वायरस उत्परिवर्तित होता है तो मामले 5,000 तक होंगे.
ओडिशा में वर्तमान दैनिक संक्रमण लगभग 1,000 के नीचे आ रहे हैं. यदि प्रतिबंध जारी रहे तो आगे बढ़ने की संभावना नहीं है.