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भुवनेश्वर में सभी धार्मिक संस्थान भक्तों के लिए खुले

  • लिंगराज मंदिर एक सितंबर से भक्तों के लिए फिर से खुलेगा

भुवनेश्वर. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आज से सभी धार्मिक संस्थान भक्तों के दर्शन के लिए आज खुल गये हैं. सभी धार्मिक संस्थाओं के संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श बैठक के बाद 9 अगस्त को भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) आयुक्त ने अपने अधिकार क्षेत्र में सभी धार्मिक संस्थानों को आज से खोलने के लिए अनुमति प्रदान की थी.

हालांकि, लिंगराज मंदिर एक सितंबर से भक्तों के लिए फिर से खुलेगा. यह निर्णय 18 अगस्त को लिंगराज मंदिर ट्रस्ट बोर्ड की बैठक के बाद लिया गया था, जिसमें खुर्दा जिलाधिकारी, एडीएम भुवनेश्वर, सब कलेक्टर, ट्रस्ट बोर्ड के अन्य सदस्य, ब्राह्मण नियोग व बडू नियोग के सचिव और अन्य हितधारक शामिल थे. धार्मिक संस्थानों को बीएमसी के द्वारा दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा. बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में भुवनेश्वर के सभी मंदिर कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्त पालन के साथ फिर से खुलेंगे. किसी भी भक्त को मंदिर क्षेत्र के गर्भ गृह के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सुरक्षित दूरी से ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में भोग आदि कोई भी प्रसाद नहीं चढ़ाया जा सकेगा.  धार्मिक संस्थानों के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके परिसर में केवल इतने ही भक्तों को प्रवेश दिया जाए ताकि उनके बीच 6 फीट की सामाजिक दूरी बनी रहे. किसी भी हाल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा. किसी भी समय मंदिर/मस्जिद/चर्च/गुरुद्वारा जैसे किसी भी धार्मिक संस्थान में 25 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी. सभी संबंधित प्राधिकरण अपने पुजारियों/सेवायतों का आरटी-पीसीआर परीक्षण सुनिश्चित करेंगे और केवल आरटी-पीसीआर निगेटिव और अंतिम कोविद टीकाकरण प्रमाणपत्र धारक को ही अनुष्ठान करने की अनुमति होगी. पुजारियों और सेवायतों को कोविद प्रोटोकॉल के अनुसार हर समय मास्क पहनना होगा.

साथ ही सभी भक्तों को मास्क पहनना होगा और हर समय उचित रूप से एक दूसरे से छह फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी. धार्मिक संस्थानों के प्राधिकरण भक्तों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर हैंडवाशिंग/हैंड सेनिटाइज़र की व्यवस्था करेंगे. परिसर के अंदर और बाहर थूकना और पान या गुटका चबाना सख्त वर्जित है. कोविद जैसे लक्षणों वाले व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा. लोगों के अन्य कमजोर समूहों जैसे सह-रुग्णता वाले लोग, वृद्ध व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं या 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को धार्मिक संस्थानों में न जाने की सलाह दी गयी है.

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