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फर्जी मुहर और हस्ताक्षर कर जारी किये गये वर्क ऑर्डर
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ईएमडी के रूप में ठगे तीन करोड़ रुपये
भुवनेश्वर : ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के फर्जी वर्क ऑर्डर के नाम पर तीन करोड़ लेने वाले दो धोखेबाजों को राजधानी स्थित नयापल्ली तथा कटक स्थित सीडीए गिरफ्तार किया गया है. अपराध शाखा की आर्थिक अपराध शाखा ने इन दोनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारों में एक बीटेक करने वाले छात्र तथा इंजीनियर चंदन आकाश मोहंती और विजयानंद चौधरी उर्फ स्वामी विजयानंदजी महाराज शामिल है. इस संबंध में ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के एक अधिकारी ने मामला दायर किया था.
बताया गया है कि बाबा और आकाश ने ठेकेदार धनुर्धर चंपतिराय को क्रमश: ओटीडीसी अध्यक्ष और इंजीनियर बताकर अपना परिचय दिया था और वर्क ऑर्डर के बदले उनसे तीन करोड़ रुपये लूट लिये थे.
ईओडब्ल्यू ने मीडिया को दी गयी जानकारी में बताया है कि जांच में पता चला है कि धनुर्धर चंपतिराय कोविद-19 महामारी के दौरान काम के ऑर्डर की उत्सुकता से तलाश कर रहे थे. इसी दौरान मई 2020 में, अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से उन्होंने सीडीए, कटक में अपने आवास पर स्वामी विजयानंदजी महाराज से मुलाकात की, जिन्होंने खुद को ओटीडीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और आईटीडीसी लिमिटेड के सदस्य के रूप में परिचय दिया था. उन्होंने ठेकेदार को आरोपी चंदन आकाश मोहंती से मिलवाया, जिन्होंने खुद को ओटीडीसी के सहायक अभियंता के रूप में बताया था. आकाश मई 2019 तक अनुबंध के आधार पर उसी क्षमता में काम कर रहा था. जांच के दौरान पता चला कि अगस्त 2020 से नवंबर 2020 की अवधि के दौरान चंदन आकाश मोहंती ने बरकुल और रंभा में पंथ निवास की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 23 वर्क ऑर्डर सौंपे थे, जो कथित तौर पर मुहर के तहत जारी किए गए थे. इस पर कार्यकारी अभियंता, ओटीडीसी लिमिटेड, भुवनेश्वर के हस्ताक्षर थे. इसी आधार पर ठेकेदार, धनुरधारा चंपतिराय से लगभग 3 करोड़ रुपये कथित ईएमडी के लिए प्राप्त करने में कामयाब रहे.
ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने कहा कि आंध्र बैंक, लुईस रोड शाखा, भुवनेश्वर में चंदन आकाश मोहंती के निजी खाते में करीब 1.14 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. वे सभी वर्क ऑर्डर फर्जी पाए गए और जाली हस्ताक्षर और मुहर का उपयोग करके निर्मित किए गए थे. इसे ओटीडीसी लिमिटेड से जारी नहीं किया गया था. जांच में यह भी पता चला है कि तीन करोड़ रुपये में से चंदन आकाश मोहंती ने आरोपी बाबा विजयानंद चौधरी को बड़ी राशि का भुगतान किया है. मामले की जांच जारी है.