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यूको बैंक आंचलिक कार्यालय ने मनाया स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती का 30वां महाप्रयाण दिवस
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बैंक नराकास, भुवनेश्वर की व्याख्यानमाला संगोष्ठी में वक्ताओं ने स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती को बताया
अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
यूको बैंक आंचलिक कार्यालय, भुवनेश्वर के महाप्रबंधक अरुपानन्द जेना की अध्यक्षता में तथा बैंक नराकास, भुवनेश्वर के तत्वाधान में 20 अगस्त को स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती का 30वां महाप्रयाण दिवस समारोह मनाया गया. समारोह के मुख्य अतिथि डा ओंकारनाथ मोहंती, सम्मानित विशिष्ट अतिथि डा शंकरलाल पुरोहित, सम्मानित अतिथि अमृत मोहंती तथा सम्मानित अतिथि केन्द्रीय विद्यालय पोखरीपुट, भुवनेश्वर के अवकाशप्राप्त प्राचार्य अशोक पाण्डेय ने ज्ञानपीठ अवार्डी स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती को ओडिशा का एक कालजयी साहित्यकार बताया.
मुख्य अतिथि डा ओंकारनाथ मोहंती ने उन्हें एक संवेदनशील साहित्यकार बताया, जो उनकी अमर रचना माटी-मटाल, परजा, अमृत संतान, कलाशक्ति, दो वीर, कंध परजा शोध संगीत आदि समेत कुल लगभग 25 उपन्यासों तथा कुल लगभग 200 कहानियों के माध्यम से स्पष्ट होता है. गोपी बाबू की आस्था आजीवन मनुष्य में रही. डा शंकरलाल पुरोहित ने बताया कि स्वर्गीय गोपी बाबू की स्मृति आज भी उनके मानस पटल पर ज्यों की त्यों अंकित है, इसीलिए वे उनकी रचनाओं का हिन्दी अनुवादकर अपने अनुवादक जीवन को सार्थक बना लिये. सम्मानित अतिथि अमृत मोहंती ने बताया कि उनके स्वर्गीय पिताश्री गोपीनाथ मोहंती का सम्पूर्ण साहित्यिक जीवन मानवता तथा आदिवासी कल्याण हेतु समर्पित जीवन था. अशोक पाण्डेय ने बताया कि स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती ओडिया साहित्य में आंचलिकता के जन्मदाता थे, जिनकी तुलना हिन्दी आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु के साथ अवश्य ही किया जाना चाहिए.
पाण्डेय के अनुसार, स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती का कोरापुट के सरकारी आवास को ओडिशा सरकार द्वारा निकट भविष्य में एक संग्रहालय के रुप में परिणित करने की घोषणा स्वागत योग्य है. एक बहुत बड़ी खुशी की बात है. यूको बैंक, आंचलिक कार्यालय, भुवनेश्वर के महाप्रबंधक अरुपानन्द जेना ने बताया कि स्वर्गीय गोपीनाथ मोहंती समग्र ओड़िया जाति की आन-बान और शान हैं, जिनके सम्मान में यह आयोजन हुआ, जिसमें यूको बैंक के सभी सहयोगी संकल्पित भाव से उनकी रचनाओं का अध्ययन करेंगे.
आमंत्रित सभी मेहमानों का स्वागत यूको बैंक आंचलिक कार्यालय के महाप्रबंधक अरुपानन्द जेना ने फूलों का पौधा, शाल और स्मृतिचिह्न भेंटकर किया. पूरे आयोजन की आरंभिक जानकारी बैंक के राजभाषा मुख्य प्रबंधक शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय ने दी और आयोजन की सार्थकता अक्षरशः स्पष्ट की जो समसामयिक तथा आज के परिपेक्ष्य में भी उपयोगी है. आभार प्रदर्शन नराकास बैंक, भुवनेश्वर के सचिव एवं भारतीय स्टेट बैंक स्थानीय मुख्य कार्यालय के सहायक महाप्रबंधक राजभाषा आलोक कुमार ने किया. उन्होंने बताया कि स्वर्गीय गोपीनाथ महंती विराट व्यक्तित्व के धनी युगपुरुष थे जिनके हृदय में आदिवासी जनजाति के कल्याण के प्रति आजीवन सेवा का भाव था.