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खुदरा व्यापार में विदेशी एवं बड़े उद्योग घरानों की सीधी एंट्री बंद करने की मांग

  • भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने मनाया 40वां स्थापना

  • देशभर से 12 हजार व्यापारियों ने दर्ज करायी उपस्थिति

  • व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं पर हुई विस्तार से चर्चा, संगठन को मजबूत बनाने पर जोर

  • अनावश्यक लोन देकर छोटे व्यापारियों को कर्जदार न बनाया जाये : प्रह्लाद खंडेलवाल

  • केन्द्र मंत्री ने दिया व्यापारी मंडल की समस्याओं का जल्द समाधान करने की दिशा में कार्य करने का आश्वासन

कटक. कोरोना महामारी के कारण चौपट हो चुके व्यापार एवं इस बीच केन्द्र सरकार से जरूरत के मुताबिक मदद ना मिलने की नाराजगी भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के 40वें स्थापना दिवस समारोह में देखी गई. विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए आयोजित इस समारोह में शामिल दो-दो केन्द्र मंत्री एमएसएमई मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा तथा सहकारिता मंत्री बीएल वर्मा के सामने मंडल के पदाधिकारियों ने अपनी तमाम समस्याओं को रखा और जल्द से जल्द उसका समाधान करने की मांग की. समारोह में सदस्यों ने संगठन को मजबूत करने पर बल देते हुए खुदरा व्यापार में बड़े उद्योंगों की सीधी एंट्री को बंद करने जैसी मांगों को रखते हुए छोटे व्यापारियों को कर्जदार न बनाया जाए की मांग को पुरजोर तरीके से केन्द्र मंत्री के सामने रखे. वहीं समारोह में अतिथि के तौर पर शामिल हुए भारत सरकार के एमएसएमई मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा तथा सहकारिता मंत्री बीएल वर्मा ने केन्द्र सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का वर्णन करते हुए व्यापार मंडल के (बीयूवीएम) पदाधिकारियों की समस्याओं को सुनी और जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया.

इस समारोह मे हुई चर्चा के संदर्भ में यहां जानकारी देते हुए संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने कहा है कि इस समारोह में देश भर से संगठन के 12000 व्यापारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. इसके साथ ही यू ट्यूब एवं फेसबुक आदि प्लेटफार्म के जरिए लगभग 7 लाख व्यापारियों ने भाग लिया. विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से रोशनी डालते हुए मंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया. उन्होंने कहा कि हमारे देश की आबादी 130 से 140 करोड़ है और हमारी आबादी का एक बड़ा वर्ग छोटे व्यापार से जुड़ा है. एमेजोन, फ्लीकार्ट, जिओ मार्ट, टाटा, डी मार्ट, बिग बाजार आदि बड़े उद्योग घरानों के खुदरा मार्केट में प्रवेश कर जाने से छोटे व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया है एवं बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है. छोटा व्यापार खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में छोटे बड़े 7 करोड़ व्यापारी हैं. सरकार ने एमएसएमई में छोटे व्यापारियों को शामिल किया है, मगर इससे बैंकों से लोन के अलावा छोटे व्यापारियों को और कुछ नहीं मिल रहा है. उल्टे कर्ज लेकर व्यापारी और कर्जदार हो जाएंगे. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. खुदरा व्यापार में बड़े उद्योंगों की सीधी एंट्री को बंद करना चाहिए.

इस अवसर पर सभी सदस्यों ने संगठन के भीष्मपितामह कहे जाने वाले पंडित स्व.श्याम विहारी मिश्रा को सभी सदस्यों ने याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. समारोह में राष्ट्रीय चेयरमैन बाबू लाल गुप्ता ने अध्यक्षता की. राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रकाश जैन, गवर्निंग बाड़ी के संयोजक प्रह्लाद खंडेलवाल, राष्ट्रीय महामंत्री मुकुंद मिश्रा, स्वामी तेजानंद, मोहन गुरनानी के साथ ही पशुपति मशाल, राजेश जैन आदि सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे. इसमें राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, ओड़िशा, हिमांचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात आदि राज्य से पदाधिकारी शामिल हुए. व्यापारियों की प्रमुख राष्ट्रीय समस्याओं में जीएसटी से संबन्धित, पीडीएस, टीडीएस का प्रावधन, एफएसएसएआई के प्रावधान, एमएसएमई से संबन्धित समस्याएं, आन लाइन ट्रेडिंग आदि शामिल है, जिस पर सदस्यों ने अपनी नाराजगी जाहिर की और केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार इन समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है.

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