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ओडिशा में सभी पूजा के आयोजनों को लेकर गाइडलाइन जारी, भक्त विहीन होंगे सभी आयोजन

  • कोविद नियमों के साथ विद्यालयों में गणेश पूजा की अनुमति मिली

  • आम लोग भी कर पायेंगे गणेश, दुर्गा, लक्ष्मी, काली की पूजा

  • विसर्जन जुलूस पर पाबंदी, अस्थायी तालाबों में मूर्तियां होंगी विसर्जित

भुवनेश्वर. कोरोना संक्रमण की दर में आयी गिरावट और केंद्र सरकार के निर्देशों के आलोक में ओडिशा सरकार ने सभी पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. सभी देव-देवियों की पूजा के आयोजन भक्त विहीन होंगे. ओडिशा सरकार ने सोमवार को राज्य में पूजा समितियों और आयोजकों को मंडपों और पंडालों में गणेश, दुर्गा, लक्ष्मी, काली पूजा और इसी तरह की अन्य पूजा करने की अनुमति दी है. राज्य के विशेष राहत आयुक्त ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि पूजा पंडालों या मंडपों में पूजा करने के लिए आयोजकों को आवेदन करना होगा. आयोजन के लिए जिलाधिकारी या उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी से आवश्यक अनुमति लेनी होगी. कटक और भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्तालय के तहत क्षेत्र के लिए ऐसी अनुमति कटक और भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा दी जाएगी.

एसआरसी के आदेश ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त त्योहारों या पूजा और संबंधित धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के लिए पूरे राज्य में सार्वजनिक रूप से अनुमति नहीं दी जाएगी.

हालांकि, सरकार ने कोविद के उचित व्यवहार को देखते हुए सीमित संख्या में छात्रों की भागीदारी के साथ राज्य भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में गणेश पूजा समारोह की अनुमति देने का निर्णय लिया है.

इसी तरह आम लोगों को अपने परिसर में उक्त पूजाओं/त्योहारों का पालन करने की अनुमति दी गयी है, लेकिन आयोजन स्थल पर भीड़ नहीं होनी चाहिए और सभी कोविद सुरक्षा प्रोटोकॉल, जैसे कि सामाजिक दूरी, मास्क पहनना, सेनिटाइजेशन, को पालन करना होगा. इसके साथ ही उत्सवों को केवल सामान्य तरीके से इनडोर जैसी स्थिति में आयोजित किया जाएगा. पूजा पंडाल या मंडप तीन तरफ से ढके होंगे तथा चौथे तऱफ से भी इस तरह से ढंका जाएगा कि मूर्तियों के सार्वजनिक दृश्य की अनुमति न हो. किसी को दर्शन की अनुमति नहीं होगी. पिछली साल की तरह इस साल भी मूर्ति का आकार चार फीट से कम होना चाहिए. साउंड बाक्स का प्रयोग नहीं किया जा सकता है. किसी भी समय पूजा पंडाल या मंडप में आयोजकों और पुजारियों व सहायक कर्मचारियों सहित सात से अधिक व्यक्ति नहीं होंगे. कोविद नियमों का पालन पंडाल में सुनिश्चित करना होगा. साथ ही प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी. मूर्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों में विसर्जित किया जाएगा. किसी भी प्रकार के धार्मिक समुदाय का कोई धार्मिक जुलूस नहीं निकलेगा. इस दौरान कोई संगीत या कोई अन्य मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा. पूजा या उत्सव से जुड़े किसी भी सामुदायिक भोज की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्थानीय प्रशासन उपरोक्त दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू कराएगा. नियमों के उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ संबंधित कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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