यह जानकारी देते हुए कमिश्नरेट ऑफ कमर्शियल टैक्स एंड जीएसटी, कटक द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तीनों आरोपियों ने फर्जी फर्मों के खिलाफ कथित तौर पर 641 करोड़ रुपये के फर्जी चालान बनाए थे और 115 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया था.
पटनायक को पिछले डेढ़ साल से जीएसटी विंग की तलाश थी. वह एक धोखाधड़ी के मामले में भी शामिल था, जिसकी जांच वर्तमान में जाजपुर प्रवर्तन इकाई द्वारा की जा रही है.पूछताछ के दौरान आरोपी ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसने अनुगूल, राउरकेला, सुंदरगढ़, जगतसिंहपुर और झारखंड में प्लंबर, ड्राइवर, बेरोजगार युवाओं और गृहिणियों जैसे भोले-भाले लोगों को नौकरी और अच्छी आय का लालच दिया. इसके बाद उन्होंने उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक एकत्र किया.
दस्तावेजों का उपयोग करके उन्होंने जीएसटी पंजीकरण कराया और विभिन्न बैंकों में चालू खाते खोले. बयान में कहा गया है कि बाद में पटनायक ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी चालान बनाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया. बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार आरोपी को राउरकेला में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा.