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कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले की स्थिति की भयावहता को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने लिया निर्णय
भुवनेश्वर. कोविद-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से पहले की स्थिति की भयावहता को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने परीक्षण की सुविधा बढ़ाने और गति लाने के लिए राज्य में और 14 आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी आज यहां स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ विजय महापात्र ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें संक्रमण की जांच के लिए दूर-दूर के स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में और 14 आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. ओडिशा के लगभग सभी जिलों में समर्पित और परिष्कृत परीक्षण केंद्र होंगे. हम आने वाले दिनों में परीक्षण में तेजी लाएंगे.
शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने आगे कहा कि सरकार ने संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. महामारी की किसी भी लहर को रोकने के लिए ट्रेसिंग, परीक्षण और निगरानी प्रमुख उपकरण हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एक महामारी की जांच गंभीर रोगियों के लिए उचित उपचार करने के लिए एक और रणनीति है. सरकार ने कोविद-19 की अगली लहर के आने से पहले इन सभी चीजों के लिए विस्तृत व्यवस्था की है. उन्होंने बताया कि साथ ही राज्य सरकार टीकाकरण को प्राथमिकता दे रही है. राज्य में टीकों की उपलब्धता के अनुसार, टीकाकरण की गति तेज की जा रही है.
स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने कोरोना से मृत्यु पर स्पष्ट करते हुए दोहराया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई मृत्यु का आंकड़ा पुरानी ऑडिट रिपोर्टों पर आधारित है. महामारी की समाप्ति के बाद ही मृत्यु दर के वास्तविक आंकड़ों का पता लगाया जा सकता है. विशेष रूप से ओडिशा सरकार ने बुधवार को कोविद-19 के कारण और 66 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिससे कुल संख्या 6.168 हो गई है. पिछले 24 घंटों में 1,315 नए कोविद-19 मामले सामने आए हैं. खुर्दा जिले के भुवनेश्वर में सबसे अधिक मौतें और नए संक्रमण हुए हैं.
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