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राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या 482, लोगों से नहीं घबराने की अपील
भुवनेश्वर. ओडिशा में अब डेंगू का नया स्ट्रेन डी-2 का पता चला है. हालांकि बताया जा रहा है कि यह स्ट्रेन पहले से ही प्रचलन में है. डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य के सभी अस्पतालों में अलग से डेंगू वार्ड खोलने के निर्देश दिये गये हैं. राजधानी भुवनेश्वर में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 482 हो गयी है. लोगों से नहीं घबराने की अपील की गयी है. डेंगू का प्रकोप ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में फैल गया है. सरकार ने शुक्रवार को राज्यभर के सभी अस्पतालों को जल्द से जल्द अलग-अलग डेंगू वार्ड खोलने का निर्देश दिया है.
चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) के निदेशक सीबीके मोहंती ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने सभी अस्पताल अधिकारियों को स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने केंद्र में विशेष डेंगू वार्ड स्थापित करने का निर्देश दिया है.
वेक्टर जनित बीमारी के डी-2 स्ट्रेन पर आशंकाओं को दूर करते हुए मोहंती ने कहा कि डेंगू के डी-2 स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पहले प्रचलित है. सूत्रों के अनुसार, राज्य में अब तक 547 डेंगू के मामले सामने आए हैं, जिनमें से अकेले भुवनेश्वर में 482 मामले सबसे अधिक हैं.
राउरकेला में भी इस बीमारी ने कहर बरपाया है, जहां गुरुवार तक 20 से अधिक मामले सामने आए थे. नागरिक निकाय ने बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया है. राउरकेला सरकारी अस्पताल और इस्पात सामान्य अस्पताल में विशेष डेंगू वार्ड बनाए गए हैं.
चिकित्सा अधिकारी संतोष स्वाईं ने कहा कि राउरकेला सरकारी अस्पताल में विशेष रूप से डेंगू के मरीजों के लिए छह समर्पित वार्ड बनाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि हमें अब तक दो मरीज मिले हैं. दोनों मरीजों की हालत गंभीर है. हमने उन्हें आईजीएच और बुर्ला रेफर कर दिया था, क्योंकि यहां ब्लड प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. दोनों मरीज अब स्वस्थ हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं डेंगू के लक्षण वाले लोगों से सरकारी अस्पताल में जांच कराने का अनुरोध करता हूं. हम एलिसा पद्धति के माध्यम से परीक्षण कर रहे हैं, जो बीमारी का पता लगाने का एक परिष्कृत तरीका है.