बालेश्वर. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि उड़ान परीक्षण दोपहर करीब 12:45 बजे भूमि आधारित प्लेटफॉर्म से किया गया था, जिसमें सभी हथियार प्रणाली तत्व जैसे मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और लॉन्चर तैनाती विन्यास में भाग ले रहे थे.
मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है. इस प्रक्षेपण को भारतीय वायु सेना के प्रतिनिधियों ने देखा. उड़ान डेटा को पकड़ने के लिए, आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया था.
इन प्रणालियों द्वारा कैप्चर किए गए संपूर्ण उड़ान डेटा से इसके प्रदर्शन की सफलता की पुष्टि की गई है. इसके एक बार तैनात होने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की वायु रक्षा क्षमता के लिए एक बल गुणक साबित होगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, बीडीएल, बीईएल, भारतीय वायु सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि मिसाइल भारतीय वायु सेना को मजबूत करेगी.