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पूर्वी भारत में पहली बार डी कार्बोनाइजिंग तकनीकी से राजधानी को मिलेगी प्रदूषण से मुक्ति : सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
भुवनेश्वर. डी कार्बोनाइजिंग तकनीकी की सुविधा अब देश के नंबर वन स्मार्टसिटी भुवनेश्वर के लोगों को भी मिलेगी, क्योंकि पूर्वी भारत में पहली बार हाइड्रोटेक कंपनी ने फ्रेंचाइजी शाखा राजधानी भुवनेश्वर में लांच किया है. इस तकनीकी के यहां आ जाने के बाद स्मार्ट सिटी के लोगों को ना सिर्फ स्मार्ट तकनीक सेवा मिलेगी, बल्कि प्रदूषण से मुक्ति मिलने की बात राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव आईएफएस डा.के मुरुगेशन ने कही है. भुवनेश्वर-कटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाल में इस सेवा का शुभारंभ करते हुए डा. के. मुरुगेशन ने कहा कि हमें खुशी है कि स्मार्ट सिटी में इस तरह की सेवा का आज शुभारंभ किया गया है. इससे प्रदूषण तो कम होगा ही, यहां के लोगों को भी विश्वस्तरीय सेवा का लाभ मिलेगा. इस अवसर पर भुवनेश्वर जैन समाज प्रमुख मनसुख लाल सेठिया, हनुमान मल लालानी, माहेश्वरी समाज से लालचंद मोहता, घनश्याम पेड़ीवाल, तेरापंथ समाज अध्यक्ष बछराज बेताला, बाबा रामदेव मंदिर के ट्रस्टी शुभकरण भूरा, प्रह्लाद खंडेलवाल, उत्कल बिल्डर डायरेक्टर प्रकाश भुरा, निदेशक खान के देवदत्त विश्वाल, पीसीसीएफ हरिशंकर उपाध्याय, कार्बो कार्डिएक से देव महापात्र, सुमन नायक, राजीव दास प्रमुख इस अवसर पर उपस्थित थे.
हाइड्रोटेक कंपनी के फ्रेंचाइजी मुख्य नवरतन बोथरा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट सिटी के लोगों को स्मार्ट सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य इस सेवा का हमने यहां पर शुभारंभ किया गया है. उन्होंने कहा कि व्हीकल, दो तीन साल यानी 25 से 30 हजार किमी चलने के बाद उनके माइलज कम हो जाते हैं. गाड़ी स्मूथ नहीं रहती है. मेंटेनेस मांगती है और गाड़ी का खर्चा बढ़ जाता है. यह सब अक्सर पुरानी गाड़ियों के इंजन में कार्बन जमा होने के कारण होता है, ऐसे में नई तकनीकी से इंजन को बिना खोले उसके अंदर के कार्बन को क्लीन कर दिया जाता है. 30 मिनट में नई तकनीकी से गाड़ी क्लीन हो जाती है. इस दौरान गाड़ी चालू रहती है. इसके लिए 5 से 7 मिनट में स्लेटर मारकर 4 से पांच बार पंप मारा जाता है और साइलेंसर के रास्ते कार्बन बाहर निकल जाता है. कार्बन क्लीन हो जाने से प्रदूषण कम होगा. इंजन की अवधि एवं गाडी का माइलज बढ़ेगा और प्रदूषण भी कम होगा. अगले 6 महीने के अन्दर भुवनेश्वर में 5 जगहों पर यह सेटअप लगाने की योजना है, ताकि पूरा भुवनेश्वर कवर हो जाए. इसके अलावा कटक में भी 3 सेटअप लगाए जाएंगे और फिर धीरे धीरे पूरे ओडिशा में इस व्यवस्था को शुरू किया जाएगा.