भुवनेश्वर. मालकानगिरि और कोरापुट में तीन नक्सलियों ने आज अपने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया. राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित पुनर्वास पैकेज के तहत इनको नयी जीवन शैली शुरू करने के लिए मदद की जायेगी.
जानकारी के अनुसार, मालकानगिरि जिले में माओवादी कैडरों के बीच कोविद-19 के संक्रमण के डर से दो कट्टर माओवादियों ने रविवार को मालकानगिरि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में डीजीपी अभय के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
डीजीपी जिले के एक दिवसीय दौरे पर गये थे. इसी दौरान दो माओवादी साथी रामे पोडियामी उर्फ सबिता, एक क्षेत्री समिति सदस्य (एसीएम) और पल्लाचलम एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ते) कमांडर और रायधर ध्रुवा, पीएम और दलदली सेल के सचिव ने आज सुबह ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
सबिता के सिर पर दो लाख रुपये का नकद इनाम था, जबकि रायधर के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था.
सबिता ने आत्मसमर्पण के बाद कहा कि हमारी पार्टी के कई सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, जबकि कई अन्य की मौत हो गई है. मैं डर गई थी और इसलिए ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके अलावा मैं माओवादियों के लिए ओडिशा सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से आकर्षित हुई.
यह जानकारी आज ओडिशा पुलिस ने ट्वीट कर दी. दोनों माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर पत्रकारों से बात करते हुए अभय ने कहा कि मालकानगिरि जिले के कट-ऑफ क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के मुद्दे में काफी गिरावट आई है और यहां सुरक्षा शिविर भी स्थापित किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से काफी मदद मिली है. माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. हम आज आत्मसमर्पण करने वाले दो माओवादियों के फैसले का स्वागत करते हैं.
डीजीपी ने माओवादियों से हिंसा से दूर रहने और आत्मसमर्पण के लिए आगे आने की अपील की. अभय ने कहा कि सरकार की विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए. इससे पहले सुबह डीजीपी अभय ने कोरापुट जिले के सुनाबेड़ा का दौरा किया और माओवादी विरोधी अभियानों की समीक्षा की और खुफिया निदेशक, आईजी ऑपरेशन, आईजी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), आईजी मुख्यालय और कोरापुट एसपी के साथ वामपंथी उग्रवाद के मुद्दे पर चर्चा की.
बाद में अभय ने मालकानगिरि में बीएसएफ के तेमुरपल्ली कंपनी ऑपरेशन बेस (सीओबी) का भी दौरा किया और बल के अधिकारियों और पुरुषों के साथ बातचीत की. उन्होंने राज्य में बीएसएफ द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों की भी सराहना की.
इसी तरह डीसीपी के आज कोरापुट दौरे के दौरान एक वरिष्ठ माओवादी कैडर ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली की पहचान तलसे हुइका के रूप में बतायी गयी है. वह भाकपा (माओवादी) की बैपरिगुड़ा समिति का एरिया कमांडर था और 2012 से सक्रिय था.