Home / Odisha / गजपति महाराजा ने निभाई छेरापहंरा की नीति, तीनों रथों पर लगायी झाड़ू

गजपति महाराजा ने निभाई छेरापहंरा की नीति, तीनों रथों पर लगायी झाड़ू

पुरी. गजपति महाराजा दिव्य सिंहदेव ने भगवान जगन्नाथ के आराध्य होने के नाते सोमवार को रथयात्रा के शुभ अवसर पर छेरापहंरा की नीतियों का पालन तीनों रथों पर किया.

छेरापहंरा की नीति पुरी के राजा द्वारा रथों की कर्मकांडीय सफाई की प्रतीक है. गजपति महाराज, सफेद पोशाक पहने हुए महल से एक समृद्ध रूप से सजायी गयी पालकी में आते हैं. इसके बाद वह एक के बाद एक रथों पर चढ़ते हैं, माला चढ़ाते हैं, आरती करते हैं, श्रद्धापूर्वक आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. इसके बाद वह सोने के झाड़ू से देवता के चारों ओर रथों के मंच की सफाई करते हैं. इस दौरान रथों पर पुष्प पड़े रहते हैं. छेरापहंरा की नीति यह दर्शाती है कि महाप्रभु के समक्ष न कोई राजा है और ना ही कोई नौकर. कर्म सभी को व्यक्ति को करना चाहिए. इसलिए राजा सबसे प्रमुख सेवक के रूप में महाप्रभु श्री जगन्नाथ की उपस्थिति में अत्यंत विनम्रता के प्रतीक के रूप में एक सफाईकर्मी के रूप में अपने कर्मों को करते हैं. छेरापहंरा की यह परंपा सदियों से चली आ रही है और कर्म प्रधानता को इसके जरिये दर्शाया जाता है. गजपति महाराजा के रथों की सफाई और उनके महल में जाने के बाद लकड़ी के घोड़े- भूरे, काले और सफेद रंग में रंगे हुए- तीन रथों में लगाये जाते हैं और रथों को खींचना शुरू होता है.

 

Share this news

About desk

Check Also

In chat with PM Modi, Kohli reveals he was underconfident before final but…

After clinching the T20 World Cup title, the team on Thursday met Prime Minister Narendra …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *