काठमांडू। नेपाल सरकार के मुख्य सचिव पर एक्साइज ड्यूटी स्टांप घोटाला मामले में शामिल होने के प्रमाण एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के हाथ लगे हैं। उन पर पहले ही टेलीकॉम घोटाले में संलग्न होने के आरोप लगे थे। इस मामले को जल्द ही विशेष अदालत में ले जाने की तैयारी चल ही रही थी। हालांकि, प्रधानमंत्री अब तक इस मामले में खामोश हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख प्रेम राई ने बताया कि एक्साइज स्टांप ड्यूटी की छपाई मामले में जांच के दौरान सरकार के मुख्य सचिव वैकुण्ठ अर्याल की भूमिका और व्यापक अनियमितता होने का पता लगा है। जिस समय वैकुण्ठ अर्याल सिक्युरिटी प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक जनरल थे, उस समय एक्साइज ड्यूटी स्टांप की छपाई में आर्थिक अनियमितता होने और अवैधानिक तरीके से आर्थिक लेनदेन होने का प्रमाण मिला है। प्रेम राई ने कहा कि टेलीकॉम मामले में पिछले दो महीने से न्यायिक हिरासत में रहे सुनील पौडेल और विकल पोडैल के साथ आर्थिक लेन-देन का प्रमाण मिलने के बाद अब अर्याल के खिलाफ जांच को और आगे बढ़ाया गया है।
वैकुण्ठ अर्याल पर इससे पहले टेरामैक्स नामक टेलीकॉम घोटाले में भी आर्थिक लेन-देन करने की बात सार्वजनिक हुई थी। हालांकि, सरकार ने अब तक अर्याल से ना तो पद छोड़ने के कहा है और ना ही अवकाश पर जाने को कहा है।
साभार – हिस