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स्पीकर पर सख्त टिप्पणी, कहा- विश्वास मत के दौरान पद की मर्यादा और कानून का उल्लंघन किया
काठमांडू। नेपाल के कोशी प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव थापा के सदन में विश्वास मत लेने के 48 घंटे के भीतर संकट में फंस गई। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने पांच दलों के गठबंधन वाली उनकी सरकार को असंवैधानिक बताते हुए किसी भी प्रकार के कामकाज और नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि स्पीकर ने सरकार के पक्ष में अपना मतदान कर पद की मर्यादा और कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए इस सरकार को मान्यता नहीं दी जा सकती। विपक्षी दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (एमाले) के संसदीय दल के नेता हिक्मत कार्की ने इस संबंध में सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया था कि विश्वास मत के दौरान स्पीकर ने अन्तिम समय में किसी और को अध्यक्षीय आसन पर बैठा कर खुद सरकार के पक्ष में मत देने गए थे। उल्लेखनीय है कि गठबन्धन को सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 47 सदस्यों का ही समर्थन प्राप्त है। किसी एक को भी सभा की अध्यक्षता के लिए भेजा गया तो एक वोट से सरकार गिर सकती है। इससे पहले भी इसी प्रक्रिया के आधार पर विश्वास मत हासिल करने के कारण सर्वोच्च अदालत ने सरकार को बर्खास्त कर दिया था।
इस बार स्पीकर से इस्तीफा दिलाकर प्रोटेम स्पीकर के जरिए बहुमत हासिल करने का प्रयास तो किया गया पर मंसूबा धराशायी हो गया। अपने पक्ष के स्पीकर का इस्तीफा करवाया ताकि ज्येष्ठता के आधार पर विपक्षी दल के विधायक को अध्यक्षता करनी पड़े। लेकिन विपक्षी दल ने अपने डिप्टी स्पीकर को अस्पताल में भर्ती करा दिया और सभी सात ज्येष्ठ विधायकों को विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित कराकर सत्ता पक्ष को ही अध्यक्षता ग्रहण करने पर मजबूर कर दिया। सर्वोच्च अदालत इस मामले में एक हफ्ते बाद अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। हिक्मत कार्की ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है कि सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के कारण संवैधानिक प्रावधानों के तहत उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए।