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उदयपुर भगवान जगन्नाथ विशाल रथ को 85 किलो चांदी से किया जा रहा है तैयार
उदयपुर. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एक महोत्सव से कम नहीं होती है. जहां भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु उत्सुक रहते हैं. पुरी की जगन्नाथ यात्रा की तर्ज पर ही उदयपुर में भी भगवान जगन्नाथ की विशाल रथयात्रा की तैयारी जोरों पर है. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए राजस्थान में विशाल रथ तैयार किया जा रहा है. करीब दो साल से इसकी तैयारी की जा रही है. 28 खंडों को मिलाकर इस रजत रथ का निर्माण किया जा रहा है. रजत रथ में करीब 85 किलो चांदी चढ़ाई गई है.
भले ही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बरकरार हो लेकिन भक्त अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते रथयात्रा को स्थगित किया गया था. इस वर्ष भी रथयात्रा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. इन सबके बावजूद भगवान जगन्नाथ के लिए भक्तों की ओर से नया रजत रथ तैयार किया जा रहा है.
यहां रथयात्रा की परंपरा 368 साल पुरानी है
यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की परंपरा 368 साल पुरानी है. पहले भगवान को मंदिर परिसर में परिक्रमा करवाई जाती थी, लेकिन अब भगवान जगन्नाथ स्वयं भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. भगवान जगन्नाथ के नगर भ्रमण के लिए तैयार किए जा रहे नए रजत रथ पर चांदी चढ़ाने का काम 6 कारीगरों द्वारा किया जा रहा है.
इतना बड़ा होगा भगवान जगन्नाथ का रथ
भगवान जगन्नाथ का नया रजत रथ अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होगा. रथ की लंबाई 16 फिट, चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 21 फीट होगी. रथ के पहियों को 6 इंच अंदर लिया गया है. इससे दुर्घटना नहीं होगी.
रथ में हाइड्रोलिक ब्रेक लगाए जा रहे हैं
मंदिर परिसर में करीब दो दर्जन कार्यकर्ता दिन रात रथ को तैयार करने में जुटे हुए हैं. नए रथ को आकर्षक और खूबसूरत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. नए रथ पर दोनों पहियों के ऊपर आगे हंस और पीछे शेर का मुख बनाया जा रहा है. रथ के पहिए हैदराबादी नक्काशी से बनाए गए हैं. रथ में हाइड्रोलिक ब्रेक लगाए जा रहे हैं ताकि रथ को आसानी से रोका जा सके. भगवान जगन्नाथ जब इस नए रजत रथ में विराजित होंगे तब भक्तों को दर्शन में परेशानी ना हो इसके लिए भी पूरा ध्यान रखा गया है.
साभार पी श्रीवास्तव