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प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में गांवों के योगदान को सराहा
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अफवाहें फैलाने वाले लोग तो अफवाहें फैलाते रहेंगे, लेकिन हमें तो जिन्दगी बचानी है, अपने गांव वालों को बचाना है। अपने देशवासियों को बचाना है और यह अगर कोई कहता है कि कोरोना चला गया तो ये भ्रम में मत रहिए। यह बीमारी बहुरूपिये वाली है। रूप बदलती है। नए-नए रंग-रूप कर पहुंच जाती है। आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री अपनी बात रख रहे थे।
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्थित डुलारिया गांव के नागरिक किशोरीलाल से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री लोगों को सतर्क किया और कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए हमारे पास दो रास्ते हैं। एक तो कोरोना से बचाव के जो नियम हैं, उनका पालन करें। मास्क पहनें, साबुन से बार-बार हाथ धोना, दूरी बनाए रखना। दूसरा रास्ता है इसके साथ-साथ कोरोना से बचाव का टीका लगवाना। यह एक अच्छा सुरक्षा कवच है, तो उसकी चिंता करिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक साल पहले सबके सामने सवाल था कि टीका कब आएगा? आज हम एक दिन में लाखों लोगों को भारत में बने टीके को मुफ्त में लगा रहे हैं। यही तो नए भारत की ताकत है।
कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, इस लड़ाई में हम सब साथ मिलकर कई असाधारण मुकाम हासिल कर रहे हैं। हमारे देश ने एक अभूतपूर्व काम किया है। इस 21 जून को टीकाकरण अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ़्त टीका लगाने का रिकॉड भी बना दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक साल पहले सबके सामने सवाल था कि टीका कब आएगी? आज हम एक दिन में लाखों लोगों को‘ स्वदेशी टीका मुफ्त में लगा रहे हैं। यही तो नए भारत की ताकत है। लोगों को टीका लगाने के लिये प्रेरित करते हुए उन्होंने मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के डुलारिया गांव के राजेश हिरावे से बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि पूरे देश में 31 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने टीका लगवा लिया है। मेरी मां तो करीब-करीब 100 साल की हैं, उन्होंने भी टीके के दोनों डोज लगवा लिये हैं।
उन्होंने कहा कि टीका नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे आप खुद को तो खतरे में डालते ही हैं, साथ ही परिवार और गांव को भी खतरे में डाल सकते हैं। प्रधानमंत्री ने राजेश से आग्रह किया कि वे लोगों को गांव में बतायें कि डर का कोई कारण ही नहीं है। कश्मीर में बांदीपुरा जिला गांव व्यवन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर के इस गांव के 18 साल से ऊपर के सभी लोग टीका लगवा चुके हैं। नागालैंड के भी तीन गांवों के बारे में उन्होंने कहा कि वहां भी सभी लोगों ने सौ प्रतिशत टीका लगवा लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफवाहों से बच कर रहना चाहिये। साल भर, रात-दिन इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने काम किया है और इसलिए हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिये, वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिये और झूठ फैलाने वाले लोगों को बार-बार समझाना चाहिये।
कोरोना महामारी के दौरान गांवों की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-ना-कभी ये विश्व के लिए यह अध्ययन का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों ने, हमारे वनवासी-आदिवासी भाई-बहनों ने कोरोना काल के दौरान किस तरह अपनी सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया।
गांव की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव के लोगों ने क्वारंटाइन सेंटर बनाये। स्थानीय ज़रूरतों को देखते हुए कोरोना प्रॉटोकोल बनाया। गांव के लोगों ने किसी को भूखा नहीं सोने दिया। खेती का काम भी रुकने नहीं दिया। नजदीक के शहरों में दूध-सब्जियां हर रोज पहुंचते रहे। यह गांवों ने सुनिश्चित किया यानी ख़ुद को संभाला, साथ ही औरों को भी संभाला।
उन्होंने कहा कि हमें जागरूक रहना भी है और जागरूक करना भी है। गांवों में हर एक व्यक्ति को टीका लग जाए, यह हर गांव का लक्ष्य होना चाहिए। याद रखिए, आप एक सवाल अपने मन में पूछिये कि निर्णायक सफलता का मंत्र क्या है? निर्णायक सफलता का मंत्र है -निरंतरता। इसलिए हमें सुस्त नहीं पड़ना है, किसी भ्रांति में नहीं रहना है। हमें सतत प्रयास करते रहना है, कोरोना पर जीत हासिल करनी है।
साभार – हिस