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दुनिया की टॉप तीन नौसेनाओं में मानी जाएगी इंडियन नेवी : राजनाथ

  •  भू-राजनीतिक तथा आर्थिक परिप्रेक्ष्य में बढ़ा हिन्द महासागर का महत्व

  •  तनावपूर्ण स्थितियों के चलते संघर्ष का नया हॉटस्पॉट बना आईओआर क्षेत्र

नई दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया है कि वह दिन दूर नहीं है जब भारत की नौसेना दुनिया की टॉप तीन नौसेनाओं में मानी जाएगी। आज के बदलते हुए भू-राजनीतिक तथा आर्थिक परिप्रेक्ष्य में हिन्द महासागर का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। तमाम देशों के साथ हमारे आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस क्षेत्र में अक्सर तनावपूर्ण स्थितियां बनी रहती हैं, जिसके चलते यह संघर्ष का नया हॉटस्पॉट बन गया है। हमें इस तनावपूर्ण स्थिति संभालने और अपने हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहना पड़ेगा।

रक्षा मंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार सुबह कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत के निर्माण और प्रगति की समीक्षा करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं कल से ही कर्नाटक के कारवार नेवल बेस और कोच्चि में नौसेना की तैयारियां, नेवी के नए और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देख रहा हूं और उनके बारे में समझ रहा हूं। कल मैंने कारवार में नौसेना के महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट सीबर्ड’ के तहत किये जा रहे विकास कार्यों को देखा। इसके बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ प्रोजेक्ट का हवाई सर्वेक्षण किया।

राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान न केवल देश बल्कि विश्व को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रभावित देशों से फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने से लेकर विदेशों से ऑक्सीजन सिलेंडर सहित महत्वपूर्ण उपकरणों को लाने ले जाने तक भारतीय नौसेना ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अथक परिश्रम किया है। उन्होंने कहा कि नौसेना देश के 7500 किलोमीटर से अधिक समुद्री तटों, लगभग 1300 द्वीपों और 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वह दिन दूर नहीं है जब भारत की नौसेना दुनिया की टॉप तीन नौसेनाओं में मानी जाएगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्र की शांति, सुरक्षा और समृद्धि बहुत हद तक हमारी नौसेना पर निर्भर करती है। इसलिए हमें हमेशा, अपने आपको तैयार रखना है, मजबूत बनाए रखना है। साथियों, पिछले साल नॉर्दन सेक्टर में हुए तनाव के दौरान भी आपकी भूमिका बड़ी सराहनीय रही है। तमाम देशों के साथ हमारे आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस क्षेत्र में अक्सर तनावपूर्ण स्थितियां बनी रहती हैं, जिसके चलते यह संघर्ष का हॉटस्पॉट बन गया है। हमें इस तनावपूर्ण स्थिति को संभालने और अपने हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहना पड़ेगा। नौसेना की बढ़ती शक्तियां हमारे क्षेत्र तक सीमित नहीं होती बल्कि हमारे हित हिन्द महासागर क्षेत्र और उसके आगे के क्षेत्रों तक हैं।

उन्होंने कहा कि अपने इस दौरे में मैंने हमारे स्वदेशी विमानवाहक पोत की समीक्षा भी की है। आज हम स्वदेशी विमानवाहक पोत के विकास में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में आईएनएस विक्रांत नौसेना के लिए बड़ी ताक़त साबित होगा। आज के बदलते हुए भू-राजनीतिक तथा आर्थिक परिप्रेक्ष्य में हिन्द महासागर का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया का आधा कंटेनर व्यापार और एक तिहाई बल्क कार्गो ट्रैफिक इस क्षेत्र से होकर गुजरता है। इतिहास के पन्नों में देखेंगे तो पाएंगे कि वही राष्ट्र दुनिया भर में अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे, जिनकी नौसेनाएं सशक्त रही हैं।दुनिया भर में एक ही ऐसा ‘महासागर’ है जिसका नाम किसी देश के नाम पर पड़ा हो। वह है हमारे देश के नाम पर आधारित हिन्द महासागर।
साभार – हिस

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