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पंजाबः किसान आंदोलन ने राज्य में 25 हजार करोड़ निवेश की योजना पर फेरा पानी

  • प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट में औद्योगिक घरानों ने बनाई थी निवेश की योजना

चंडीगढ़, पंजाब में उद्योगों में निवेश की स्थिति अनुकूल न होने पर उद्योगपतियों ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट 2019 के दौरान पंजाब में विभिन्न व्यवसायों में करीब 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना बनाई गई थी लेकिन राज्य में किसान आंदोलन के कारण कानून व्यवस्था प्रतिकूल होने के चलते यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका।
उद्योगपतियों ने बताया कि पंजाब को घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित इस शिखर सम्मेलन के दौरान राज्य में विभिन्न निवेशकों ने निवेश की योजना बनाई थी लेकिन किसान आंदोलन के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब रही है और इसके कारण जहां उद्योग प्रभावित हो रहे हैं वहीं निवेशकों का भी हौसला भी टूट रहा है।

लुधियाना के होजरी व्यवसाई गुरशरण सिंह ने कहा कि राज्य में निवेश करने वालों में निराशा है कि अनैतिक तत्व राज्य के औद्योगिक माहौल को प्रभावित कर सकते हैं। गुरशरण सिंह ने कहा उन्होंने 2019 में निवेशकों के शिखर सम्मेलन में भाग लिया था क्योंकि राज्य सरकार द्वारा कानून व्यवस्था अनुकूल होने का आश्वासन दिया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों के लंबे आंदोलन के दौरान सड़कों के जाम रहने और रेलवे यातायात भावित होने के कारण राज्य के बाहर के निवेशक काफी हतोत्साहित रहे और अभी भी यही माहौल है।

लुधियाना में तारोम यार्न के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार ने कहा कि कोविड के समय में भी दक्षिण के व्यापारियों के एक समूह ने यहां एक इकाई स्थापित करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत में किसानों के विरोध को देखते हुए योजना को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया था। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को राज्य में औद्योगिक क्षेत्र के फलने-फूलने के लिए विश्वास का माहौल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में विफलता हाल ही में दिखाई दी। यह स्थिति नए निवेशकों के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी हतोत्साहित करने वाली है, जिन्होंने पहले ही राज्य में निवेश किया है।

उधर, पंजाब के उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा है कि हरियाणा में टिकरी बॉर्डर पर किसान विरोध कर रहे हैं। पंजाब में कोई विरोध नहीं हो रहा है। किसानों द्वारा कई कॉर्पोरेट कार्यालयों की घेराबंदी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।बहरहाल आवश्यक है कि पंजाब सरकार इस समय राज्य में निवेश के लिए व्यापारियों को उचित माहौल उपलब्ध कराने के प्रति आश्वस्त करे। राज्य के उद्योग मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा का मानना था कि राज्य सरकार द्वारा पंजाब में उद्योगों को प्रोत्साहन के प्रयास सकारात्मक परिणाम ला रहे है। उन्होंने दावा किया कि सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने के हरसंभव प्रयास कर रही है।
साभार – हिस

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