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योग हमें नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अचूक हथियार करार देते हुए कहा कि योग हमें नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व महामारी का मुकाबला कर रहा है, ऐसे में योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को वर्चुअल माध्यम से 7वें योग दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस वर्ष का विषय ‘योग फॉर वेलनेस’ है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिछले दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ है फिर भी लोगों में योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। मोदी ने कहा कि आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब विश्व को एम-योगा ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई वीडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
मोदी ने कहा, जब कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश साधनों, सामर्थ्य और मानसिक अवस्था से इसके लिए तैयार नहीं था। ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना। उन्होंने कहा दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना कोई सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग हमें तनाव से ताकत की ओर और नकारात्मकता से रचनात्मकता की ओर ले जाता है। योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि योग जनता की स्वास्थ्य देखभाल में निवारक और प्रेरक भूमिका निभाता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने जब भी स्वास्थ्य की बात की है, तो इसका मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं रहा है। इसीलिए, योग में फिजिकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर इतना जोर दिया गया है।
मोदी ने अस्पतालों में योग अभ्यास का उल्लेख करते हुए कहाकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन वारीयर्स और डॉक्टरों ने योग को भी अपना सुरक्षा-कवच बनाया है। डॉक्टरों ने योग से खुद को भी मजबूत किया, और अपने मरीजों को जल्दी स्वस्थ करने में इसका उपयोग भी किया। स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत में 10-15 मिनट बच्चों को योग- प्राणायाम के विष्य में उन्होंने कहा कि ये कोरोना से मुकाबले के लिए भी बच्चों को शारीरिक रूप से तैयार कर रहा है।
साभार – हिस