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भिवानी में तीन सौ साल बाद घोड़ी पर सवार हुआ हेड़ी समाज का दूल्हा

  • पंचायत ने तोड़ी वर्षों पुरानी परंपरा

  • राजपूत व हेड़ी समाज ने दिया आपसी भाईचारे का संदेश

भिवानी जिला के गांव गोबिंदपुरा में ग्रामीणों ने 300 साल पुरानी एक ऐसी प्रथा को तोड़कर भाईचारे का संदेश दिया है, जिससे पूरे गांव में खुशियां लौट आई है। गांव गोविंदपुरा में राजपूत व हेड़ी समाज के लोग रहते है तथा इस गांव में हेड़ी समाज के लोगों को शादी में घुड़चड़ी की इजाजत नहीं थी। इस बार गांव में बनी पंचायत ने अनोखा कार्य करते हुए इस प्रथा को खत्म करने का फैसला लिया। जिसके बाद रविवार को गांव में विजय कुमार की शादी धूमधाम से हुई तथा शादी में घोड़ी पर निकासी भी निकाली गई तथा डीजे बचाकर खूब जश्र भी मनाया गया।
बता दे कि गोविंदपुरा गांव 300 वर्ष पूर्व बसा था। गांव में राजपूत व हेड़ी समाज के लोग ही रहते है। इस गांव हेड़ी समाज के लोगो को शादी में घोड़ी पर निकासी निकालने की इजाजत नही थी। हेड़ी समाज के लोगो को शादी धूमधाम से करने की इजाजत नही थी। ऐसा पिछले 300 वर्षों से चल रहा था। सरपंच पति बीर सिंह ने इस प्रथा को तोड़ते हुए भाईचारे का अनोखा संदेश दिया हैं। रविवार को गोविंदपुरा में विजय कुमार की शादी थी, जिसमें घोड़ी पर निकासी भी निकाली गई तथा डीजे बजाकर खूब नाच-गाना भी हुआ तथा समस्त ग्रामीणों ने जश्र भी मनाया।
इस बारे में सरपंच पति बीर सिंह ने बताया कि उन्होंने भाईचारे का संदेश देने के लिए इस प्रथा को तोडऩे का निर्णय लिया है। उन्होंने गांव में ऐलान कर दिया कि जो भी हेड़ी समाज का व्यक्ति शादी में घोड़ी पर निकासी निकालना चाहे तो पंचायत उनके साथ है। वही हेड़ी समाज के लोगो ने भी राजपूत समाज के लोगो का धन्यवाद किया और कहा कि उनके समाज का आज पहला विवाह है, जिसमें घोड़ी पर निकासी निकाली गई हैं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके लिए ये एक ऐतिहासिक पल है, जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है।
साभार – हिस

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