कोलकाता, पश्चिम बंगाल से लगी भारत बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टीम ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मानव तस्करी की वारदातों पर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया है। मानव तस्करी के लिए कुख्यात रहे दक्षिण बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात की गई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटों ने अपनी भूमिका का कारगर तरीके से निर्वहन करते हुए चालू वर्ष के बीते पांच महीनों में मानव तस्करी की 24 कोशिशों को विफल करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है।
पीडितों में नाबालिग लडकियां भी शामिल
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि टीम ने इन 24 मामलों में कुल 27 पीड़िताओं (बांग्लादेशी महिलाओं) को मानव तस्करों के चंगुल से छुडाया और 24 मानव तस्कर दलालों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि तस्करों से मुक्त कराई गई पीडिताओं में महिलाओं एवं युवतियों के अलावा चार नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं।
काम का झांसा देकर युवतियों को अवैध तरीके से सीमा पार कराते हैं दलाल
बीएसएफ के डीआइजी ने बताया कि ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी के गिरोह में शामिल दलालों द्वारा भोली-भाली गरीब बांग्लादेशी महिलाओं को भारत में अच्छी नौकरी जैसे ब्यूटी पार्लर, बार डांसर, जिम में हेल्पर, मसाज पार्लर, वेटर का काम, घर में नौकरानी इत्यादि के काम का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार कराकर यहां लाया जाता है और फिर कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इनको देह व्यापार के अमानवीय धंधे में झोंक दिया जाता है। एक बार इस दलदल में फंसने के बाद इन महिलाओं व लड़कियों का जीवन तबाह हो जाता है।
बीएसएफ ले रहा गैरसरकारी संगठनों की मदद
गुलेरिया ने कहा कि सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ इन दिनों बेहद कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी एनजीओ, पुलिस स्टेशनों, सरकारी एजेंसियों तथा मानव तस्करी के विरूद्ध काम कर रही संस्थाओं से आग्रह किया है कि वह सभी साथ मिलकर इस प्रकार के घिनौने अपराध को खत्म करने में सहयोग करें। इस कार्य में स्थानीय गैर सरकारी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है।
सीमावर्ती इलाकों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की तैनाती
गौरतलब है कि मानव तस्करी को पूरी तरह से रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस साल जनवरी में पहली बार बीएसएफ की ओर से भारत-बांग्लादेश सीमा के संवेदनशील स्थानों पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटें तैनात की गई है। इसमें सबसे ज्यादा सात यूनिटें दक्षिण बंगाल बॉर्डर पर ही तैनात की गई है। इस बॉर्डर से बंगाल के पांच जिले उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद की सीमाएं लगती है, जो तस्करी के लिए कुख्यात हैं। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने 15 जनवरी, 2021 को सीमावर्ती इलाकों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की तैनाती शुरू की थी। यूनिट में बीएसएफ की महिला कार्मिक तथा जवानों को उनकी उत्कृष्ट क्षमता के आधार पर शामिल किया गया है जिससे कि वह मानव तस्करी से पीड़ित महिलाओं की पहचान आसानी से कर सकें।
साभार – हिस
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