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इतिहास के पन्नों मेंः 31 मई

तिब्बत से तवांगः ‘संसार की छत’ के नाम से मशहूर तिब्बत, बर्बर आक्रांताओं का निशाना बनता रहा है। मंचू, मंगोल, गोरखा और चीन के ताकतवर राजवंशों ने इसपर हुकूमत की। वर्ष 1950 में चीन का असली मंसूबा सामने आ गया जब उसने तिब्बत के इलाके में झंडा लहराने के लिए हजारों की संख्या में सैनिक भेज दिये। यहां के कुछ इलाकों को स्वायत्तशासी क्षेत्र में बदल दिया और बाकी इलाकों को चीनी प्रांतों का हिस्सा बना दिया गया। तिब्बत पर कब्जे की कार्रवाई के समय चीन में माओत्से तुंग की अगुवाई वाली कम्युनिस्ट सरकार थी। तुंग के सत्ता में आते ही चीन विस्तारवाद के रास्ते चल पड़ा।
1959 में चीन के खिलाफ नाकाम विद्रोह के बाद 14वें दलाई लामा के लिए तिब्बत में बने रहना तकरीबन असंभव हो गया। आखिरकार दलाई लामा को अपने कुनबे के साथ तिब्बत छोड़ भारत की शरण लेनी पड़ी। 31 मार्च 1959 को दलाई लामा ने नाटकीय ढंग से चीनी सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देते हुए तिब्बत से 14 दिनों का सफ़र कर मैकमोहन रेखा पार तवांग पहुंचकर भारत की शरण ली। तब शायद दलाई लामा ने भी नहीं सोचा होगा कि वे अपने वतन तिब्बत शायद कभी लौट न पाएं।
अन्य अहम घटनाएंः
1727ः फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए।
1900ः लॉर्ड रॉबर्ट्स की अगुवाई में ब्रिटिश सैनिकों ने जोहान्सबर्ग पर कब्जा कर लिया।
1907ः अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली टैक्सी सेवा की शुरुआत हुई।
1921ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।
1977ः भारतीय सेना के एक दल ने पहली बार विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंगा की चढ़ाई की।
2008ः विश्व के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने सौ मीटर दौड़ 9.72 सेकेंड में पूरी कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया।
साभार – हिस

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