नई दिल्ली। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम केस में गिरफ्तार ओलंपियन सुशील कुमार और साथी अजय की पुलिस हिरासत चार दिनों के लिए और बढ़ा दी है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया।
दिल्ली पुलिस की ओर से वकील आशीष काजल ने कहा कि अभी तक 8 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हें। उन्होंने कोर्ट से सुशील कुमार और अजय कुमार की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान सुशील कुमार की निशानदेही पर पिस्तौल बरामद किया गया था। इस घटना का मास्टरमाइंड सुशील कुमार है। एक आरोपित के पास से वीडियो क्लिप मिली है। अभी वाहन और उसके मालिक के बारे में पता करना है। अब तक सात वाहन बरामद किए गए हैं। अभी और चार वाहनों का संबंध पता चला है। इस मामले में अभी जो फरार चल रहे हैं वे सभी आरोपित एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं। आरोपितों के मोबाइल फोन भी बरामद किए जाने हैं। इस मामले में 18 से 20 लोगों की संलिप्तता का पता चला है। जो आरोपित अभी फरार हैं उनके ठिकानों का पता लगाना है। जिन लोगों ने आरोपितों को छिपाया और उन्हें बचाने की कोशिश की, उनका भी पता करना है। काजल ने कहा कि जांच एजेंसी को जांच करने के लिए और समय की जरूरत है।
सुशील कुमार की ओर से वकील प्रदीप राणा ने कहा कि जब जांच अधिकारी को छह दिन की हिरासत दी गई तो उसने दूसरी एजेंसी को क्यों दे किया। मॉडल टाउन के एसएसओ को हिरासत दी गई थी। जब तक जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ उपस्थित नहीं किया जाता तब तक कोई दलील नहीं दी जा सकती। छह दिनों में क्या किया गया। पुलिस कह रही है कि सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्तौल को जब्त किया गया जबकि उसका कोई उपयोग नहीं किया गया था। राणा ने कहा कि इस मामले में वीडियो क्लिप मीडिया को दिए गए। सुशील कुमार के खिलाफ एक माहौल बनाया गया। ये तब हुआ जब वीडियो क्लिप के बारे में साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी का कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। सुशील कुमार की पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस कह रही है कि छत्रसाल स्टेडियम से डीवीआर रिकवर करना है लेकिन उसमें सुशील कुमार की क्या जरूरत है। पुलिस ने अपनी हिरासत की मांग में कहीं ये नहीं बताया कि उसने छह दिनों में क्या किया।
राणा ने कहा कि दिशा रवि मामले में हाईकोर्ट ने पूछा था कि मीडिया को कैसे चीजें लीक की गईं। उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मीडिया को रिपोर्ट करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने सहयोग नहीं करने के मामले पर साफ कहा है कि इतने दिनों के हिरासत में रखने के बाद भी अगर पुलिस कहे कि आरोपित सहयोग नहीं कर रहा है तो वो जबरन आरोपित से आरोप कबूल करवाना चाहती है। राणा ने सीडी के पेजिनेशन की मांग की ताकि उससे छेड़छाड़ नहीं की जाए। आरोपित की हिरासत के दौरान उनके वकील से मिलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने आरोपित की मेडिकल जांच की मांग की।
आशीष काजल ने कहा कि जांच अधिकारी को बदलने के लिए कोर्ट की अनुमति की जरूरत नहीं होती है। जांच दिल्ली पुलिस से एनआईए या सीबीआई को नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जब्त पिस्तौल पर पुलिस आरोप तय करने के समय दलीलें रखेगी। अभी जांच खत्म नहीं हुई है। मीडिया को कोर्ट की रिपोर्टिंग करनी चाहिए। अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की सीधे प्रसारण की बात की है। इससे भरोसा बढ़ता है। वीडियो क्लिप की जांच चल रही है। वीडियो क्लिप को किसी दूसरे व्यक्ति ने लीक किया है। आरोपित यह तय नहीं कर सकता कि जांच किस तरीके से होगी। काजल ने कहा कि सीडी का पेजिनेशन कर कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा। आरोपी का 24 घंटे के अंदर एक बार मेडिकल परीक्षण होता है।
पिछले 23 मई को कोर्ट ने सुशील कुमार और अजय को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था। दिल्ली पुलिस की ओर से अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हुई है और चार घायल हुए हैं। सागर नामक जिस पहलवान की मौत हुई है वो राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था। पिछले 23 मई को सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था। रोहिणी कोर्ट ने पिछले 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। सुशील पहलवान पर रेसलर सागर की हत्या का आरोप है।
साभार- हिस