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पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में समुद्र में ऊठी ऊंची लहर.

बंगाल में तूफान यश से मची तबाही को समेटने में लगे सेना के जवान

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में समुद्र में ऊठी ऊंची लहर.

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान ‘यश के गुजरने के बाद पश्चिम बंगाल के प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना ने तेजी के साथ राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। पूर्व मेदिनीपुर में जल स्तर में वृद्धि के कारण फंसे 32 नागरिकों को बचाने के लिए सेना की एक टीम लगी है। राज्य प्रशासन को सहायता देने के लिए कुल 17 कॉलम सेना तैनात की गई है। ​बाढ़ में घिरे और फंसे लोगों को निकालने, चिकित्सकीय सहायता देने, तूफान के बाद सड़क मार्ग ख़ाली करने, पेड़ काटने में सेना के जवान लगे हैं। भारतीय सेना ने पूर्व मेदिनीपुर में अब तक करीब 700 लोगों को बचाया है।

​पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना इलाके में ​​तूफान ​ने ​व्यापक तांडव मचाया है।​ तूफान से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। तीन लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 14 हजार बांध टूट गये हैं। सबसे प्रभावित पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा व अन्य इलाके हैं, जिसका ​शुक्रवार को​ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ​हवाई सर्वेक्षण​​​ करेंगी। ​पूर्व मेदिनीपुर में जल स्तर में वृद्धि के कारण फंसे 32 नागरिकों को बचाने के लिए एक बचाव दल को लगाया गया है। भारतीय सेना ने पूर्व मेदिनीपुर में अब तक करीब 700 लोगों को बचाया है।​ ​पूरी तरह से जलमग्न ​​दीघा में भी भारतीय सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन ​शुरू हो गया है। भारतीय सेना के बचाव और राहत कॉलम ने दीघा ​में फंसे ग्रामीणों को​ सुरक्षित निकाला​ है​। स्थानीय लोगों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है।​ ​सेना ​की एक कॉलम ​टुकड़ी ​नागरिक आबादी ​को बचाने में लगाई गई है।

बाढ़ के पानी से घिरे ​​दीघा से नौ किमी​.​ दूर तलगचारी ग्राम पंचायत में नागरिकों को बचाने के लिए​ सेना के जवान लगे हैं।​ ​फिलहाल डीएम घाट पर ग्रामीणों को रेस्क्यू करके लाया जा रहा है।​ सेना की विशेष चक्रवात राहत ​टीमों को भी राहत कार्यों में लगाया गया है जिनके पास ​​​​​राहत ​उपकरण और फुलाए जा सकने वाली ​नौकाएं हैं। ​इसके अलावा सेना ​की नौ चक्रवात राहत ​टीमें ​कोलकाता में स्टैंडबाय पर ​रखी गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी पुनः तैनाती की जा सके। ​सेना की यह टीमें ​​बाढ़ में घि​​रे और फंसे लोगों को निकालने, चिकित्सकीय सहायता देने, तूफान के बाद सड़क मार्ग ख़ाली करने, पेड़ काटने तथा राहत सामग्री ​बांटने में लगी हैं।​ ​​सेना की ​टीमों ने ​अभी तक ​हावड़ा में बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है​ जिन्हें रसद और चिकित्सा सहायता ​दी जा रही है।​ ​​

चक्रवात के कारण​ पैदा हुईं चुनौतियों में लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय सेना ​पश्चिम बंगाल ​में ​राज्य सरकार के साथ संपर्क और समन्वय​ बनाये हुए हैं​। सेना की पूर्वी कमान राहत एवं बचाव कार्यों की अगु​वाई कर रही है​​। ​​राज्य प्रशासन को सहायता ​देने ​के लिए कुल 17 कॉलम सेना तैनात की गई है। इसमें नादिया और पश्चिम मेदिनीपुर में दो कॉलम​, पुरुलिया और वेस्ट बर्धमान में दो कॉलम​, झारग्राम और बकुरा में दो कॉलम​, बीरभूम में एक कॉलम​, हावड़ा और कोलकाता पोर्ट पर दो कॉलम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में दो कॉलम​, कोलकाता पूर्व, मध्य और पूर्व मेदिनीपुर में तीन कॉलम​, और कोलकाता दक्षिण के लिए एक कॉलम, हुगली में एक कॉलम, बेहाला (कोलकाता) में एक ​​कॉलम​ ​​सेना तैनात हैं​।​​​​​​​

वायुसेना ने तैनात किये ​विमान और हेलीकाप्टर
​​पूर्वी वायु कमान ने चक्रवात ​​ के कारण हुए नुकसान के कारण त्वरित प्रतिक्रिया के लिए ​विमानों और हेलीकाप्टरों को तैनात किया है।​ ​सभी बचाव और राहत कार्यों को राज्य सरकार के साथ समन्वय में किया जा रहा है। सभी एजेंसियों के साथ समन्वय में प्रयासों की निगरानी और तालमेल के लिए टास्क फोर्स की स्थापना की गई है।​ ​​एनडीआरएफ ​टीमों ​को वायुसेना की मदद ​से एक दिन पहले ही एक सी-​130 और ​दो एएन-​32​ विमानों ​से पहुंचा दिया था​।​​ ​​​​एनडीआरएफ​ के ​102​ ​कर्मियों को उनके ​4.5​ टन ​उपकरणों के साथ ​​​अराकोनम ​(तमिलनाडु) से ​​पश्चिम मेदिनीपुर जिले के​ ​कलाईकुंडा तक पहुंचाया। ​इसी तरह ​​एक सी-130 ​परिवहन विमान ​ने 62 ​​एनडीआरएफ​ ​कर्मियों​ और 6.8 टन कार्गो को लीलाबारी से कोलकाता के लिए एयरलिफ्ट किया​​।

साभार-हिस

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