Home / National / ओडिशा और बंगाल की सीमा पर लैंडफाल करेगा ताकतवर चक्रवात यश

ओडिशा और बंगाल की सीमा पर लैंडफाल करेगा ताकतवर चक्रवात यश

  • 27 या 28 मई को बालेश्वर और दीघा के बीच दे सकता है दस्तक

  • हवा की गति होगी 150 किमी प्रति घंटा, झोंके होंगे 190 किमी प्रति घंटा

  • चक्रवात तितली की तरह रच सकता है विनाशलीला

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

अरब सागर के बाद एक ताकतवर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बन रहा है. यश नामक यह चक्रवात 27 और 28 मई के बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमा पर बालेश्वर और दीघा के बीच लैंडफाल कर सकता है. इसकी हवा की गति 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है तथा हवा के झोंके की गति 195 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. यह जानकारी यहां मौसम विभागों ने दी है.

जानकारी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में 96 घंटे में कम दबाव क्षेत्र का आकार बन जायेगा. पहली बार देखा जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी में मौसम के पहले चक्रवात के संभावित ट्रैक करने पर दुनिया भर के मौसम मॉडलों के अनुमान अलग-अलग हैं, लेकिन चक्रवात यश की गंभीरता पर सभी मौसम मॉडल लगभग एकमत हैं.

लगभग सभी मौसम मॉडल सिस्टम का अनुमान है कि केंद्रीय दबाव का लगभग 970 मिलीबार तक लैंडफाल करेगा. इसका मतलब है कि संभावित चक्रवात में चक्रवात तितली की तीव्रता होगी, जिसने 2018 में पलासा (आंध्र प्रदेश) में लैंडफॉल बनाने के बाद ओडिशा में कहर बरपाया था.

सभी मौसम मॉडलों का अनुमान है कि अनुमानित केंद्रीय दबाव और हवा की गति के अनुसार यह निश्चित लगता है कि विकासशील चक्रवात यश अति गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस) की श्रेणी में होगा.

सीएमसी, कनाडा मौसम केंद्र का पूर्वानुमान है कि यह बालेश्वर के करीब लैंडपाल करेगा और 28 मई की आधी रात को लैंडफॉल करेगा.

हवा की गति तीव्र होगी

विभिन्न मॉडलों पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि हवा की गति 140-150 किमी प्रति घंटे की सीमा में रहेगी और हवा के झोंके की गति 195 किमी प्रति घंटे के आसपास रहेगी.

ओडिशा में यहां होगा असर

ओडिशा के पूरे तटीय हिस्से में पुरी से बालेश्वर तक लैंडफॉल से लगभग 24 घंटे पहले 25 मई को भारी बारिश के साथ-साथ हवा के झोंके आएंगे. मौसम मॉडलों के एक अध्ययन से पता चलता है कि चक्रवात यश का दक्षिण तटीय ओडिशा पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा. इसकी उत्पत्ति का स्थान और इसका ट्रैक दक्षिण तटीय ओडिशा के बाहर रहने के बारे में स्पष्ट संकेत देता है.

Share this news

About desk

Check Also

विहिप के 60 वर्ष: उपलब्धियां व चुनौतियाँ 

नई दिल्ली,देश की राजनैतिक स्वतंत्रता के पश्चात कथित सेक्युलर वाद के नाम पर हिन्दू समाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *