भुवनेश्वर. प्रख्यात ओड़िया साहित्यकार और पद्म श्री मनोज दास का निधन पुडुचेरी के एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान हो गया. वह 87 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि दास का पुडुचेरी के श्री अरबिंद आश्रम में नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था और आज शाम 8.15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. दास ने पिछले कई दशकों में साहित्य के क्षेत्र में अपनी जगह बनाई थी. उन्होंने कई लघु कथाएं, उपन्यास और कविताएं लिखीं, जिन्हें दुनियाभर के पाठकों ने बहुत सराहा.
साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 2001 में प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री और 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने दास के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह अपने कालजयी साहित्यिक कार्यों के माध्यम से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि दास ने अपनी विशाल विविधता के साथ साहित्य के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी है और उनके निधन से एक बड़ा स्थान रिक्त हो गया है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता है.