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आसान नहीं ममता बनर्जी की नंदीग्राम की डगर, बंगाल में भाजपा के चाणक्य से मिलेगी चुनौती

श्याम सुंदर पोद्दार

पश्चिम बंगाल के विधानसभा के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की नंदीग्राम की डगर आसान नहीं है, जितना की लोग मान रहे हैं. वोटों के गुणा-गणित पश्चिम बंगाल में भाजपा के चाणक्य बने शुभेंदु अधिकारी को ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती रूप में दिखा रहे हैं. ममता बनर्जी का नंदीग्राम का रूख करना उनके घबड़ाहट को दर्शा रहा है.

दरअसर ममता बनर्जी नंदीग्राम में चुनाव लड़ने को दो कारणों से मजबूर हुईं. भवानीपुर की सीट सुरक्षित नहीं रही. नंदीग्राम में पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को राज्य में सबसे अधिक 68 हज़ार वोटों की बढ़त मिली. लोकसभा चुनाव में भाजपा को 121 विधानसभा की सीटों पर बढ़त मिली. टीएमसी को 161 व कांग्रेस-लेफ़्ट को 12 सीट पर बढ़त मिली. अर्थात टीएमसी यदि 15 सीट हार जाती है, तो वह मैजिक फिगर 147 के नीचे आते ही सत्ता से बाहर हो जायेगी. भाजपा यदि 28 सीटें पा जाती है तो उसकी सरकार बन जायेगी है.

ममता बनर्जी अपनी पार्टी को ठीक से नहीं सम्भाल सकीं. उनके कई कुशल योद्धा उनको छोड़कर भाजपा में चले गए. शुभेंदु अधिकारी के जाने से उसकी दोनों मिदनापुर में 35 सीटें संकट में हैं. ममता इन्हीं 35 सीटों को बचाने के लिए नंदीग्राम से लड़ रही हैं. ममता बनर्जी ने समझ रखा है उसकी शुरुआत नंदीग्राम में 21 प्रतिशत मुस्लिम वोटर होने से शुभेंदु अधिकारी पर 43 हजार वोट की बढ़त है, लेकिन ममता यहां एक बात भूल रही है कि लोकसभा चुनाव में नंदीग्राम में 206000 मत पड़े थे. ममता भूल जाती हैं कि शुभेंदु भाजपा के प्रत्याशी हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव में 62 हजार वोट मिले. अर्थात् ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी से आगे नहीं हैं. अपितु शुभेंदु अधिकारी लोकसभा चुनाव में मिले मतों के अनुसार ममता (43 हजार) से 19000 वोटों से आगे रहकर शुरुआत कर रहे हैं.

एक दूसरा पहलू यह भी है कि तृणमूल को लोकसभा चुनाव में 130000 वोट मिले. यानी 87 हजार हिंदू वोट मिले. यानी ममता को जीतने के लिए 53000 हिंदू चाहिए, वहीं शुभेंदु को चुनाव जीतने के लिए 34000 वोट चाहिए. राज्य के विधानसभा के चुनाव में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, ऐसे में ममता के लिए 53000 हिंदू वोट पाना गम्भीर चुनौती है. वहीं नंदीग्राम से पूर्व से सम्पर्क रहने के कारण शुभेंदु के लिए 34000 वोट पाना अति सहज मामला है.

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