भुवनेश्वर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से ओडिशा 21वीं सदी के सबसे श्रेष्ठ समुद्री अर्थव्यवस्था के साथ-साथ व्यापार के माध्यम से ओडिशा पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार बनेगा. बुधवार को नई दिल्ली में मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन के विशेष सत्र में ओडिशा में पूंजी निवेश की संभावनाएं शीर्षक वर्चुअल चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि हजारों साल पूर्व ओडिशा के साधव लोग यहां से समुद्री पद से विश्व के विभिन्न इलाकों में यात्रा कर व्यापार करते थे. उस समय कलिंग उत्कल जैसी सभ्यता है अपने चरम पर थी.
उन्होंने कहा कि वर्तमान के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है तथा साथ ही आत्मनिर्भर भारत की बात कही है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक विचार नहीं है बल्कि ओडिशा तथा भारत को प्रगति के पथ पर आगे लेने की एक सुविचारित योजना है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में समुद्री पथ पर विशाल नेटवर्क तैयार हो रहा है. ओडिशा में बंदरगाह आधारित अर्थव्यवस्था को के लिए पारादीप, धमरा, गोपालपुर अस्तरंग सुवर्णरेखा बंदर को विकसित किया जा रहा है. इस हिसाब से ओडिशा में उद्योग आधारित बंदरगाह अर्थव्यवस्था करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से राज्य में 5 से 25 बंदरगाह किए जाने को लेकर प्रयास किए जाने चाहिए.