नई दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को कहा कि मातृभाषा हर छात्र के लिए बेहद जरूरी है और शिक्षा मनोविज्ञान में हुए अनुसंधानों से यह बात साबित होती है कि मातृभाषा में बच्चे जल्दी और ज्यादा सीखते हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर “शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना” के विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने से वो आनंद का अनुभव प्राप्त करते हैं और इतना ही नहीं मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने से छात्रों के आत्म-सम्मान में भी बढ़ोत्तरी होती है।
शिक्षा मंत्री मातृभाषा के लिए केंद्र सरकार की गंभीरता के बारे में बात करते हुए कहा, “मातृभाषा की महत्ता से केंद्र सरकार भलीभांति अवगत है। मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा देश की तमाम भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए अनेक प्रकार के कदम उठाए गए हैं।
निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा के विकास के लिए दिए गए प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है जहां 121 से अधिक भाषाएं प्रचलित हैं। हालाकि, यहां की 97 प्रतिशत से अधिक आबादी उन 22 भाषाओं का प्रयोग करती है जिन्हें अनुसूचित भाषाएं कहा जाता है। हमारी नई शिक्षा नीति में कई ऐसी योजनाओं का प्रावधान दिया गया है जिनसे भारत में एक बहुभाषिक समाज के निर्माण में सहायता मिलेगी जो तकनीकी ज्ञान के भार का वहन करने की क्षमता रखेगा। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा भाषा विकास एवं भाषा संवर्धन की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी सबको बताया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे एवं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल एवं आईजीएनसीए के सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी भी उपस्थित थे।
साभार-हिस
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