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पुरी के निवासियों के लिए सुबह 6 बजे से सुबह 7 बजे तक की दर्शन की विशेष व्यवस्था बंद
पुरी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ के भक्तों के लिए खुशी की बात है. अब भक्त श्रीमंदिर परिषर में दीये जला सकते हैं और आनंदबाजार में महाप्रसाद को ग्रहण कर सकते हैं. श्रीमंदिर में अब सप्ताह में सातों दिन भक्तों को दर्शन की अनुमति है. नयी व्यवस्थाएं 12 फरवरी से लागू होंगी. श्रीमंदिर में दर्शन सुबह छह बजे से पहले भी शुरू होगा.
पुरी स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर में प्रवेश को लेकर आज नई गाइडलाइन जारी की है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी के प्रशासक डा कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में आज श्रीमंदिर में सभी हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी. इस मंदिर को खोलने समेत विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई और इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गयी.
कोरोना महामारी के घटते प्रकोप को देखते हुए श्रीमंदिर में कई छूट भक्तों को दिये गये हैं. मंदिर प्रशासन की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, श्रीमंदिर सप्ताह के सभी दिनों में खुला रहेगा. नीतियां जारी रहेंगी. मंदिर में महाप्रभु के दर्शन सुबह छह बजे से शुरू होंगे, जब तक नई अधिसूचना जारी नहीं की जाती है. मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को मंदिर के अंदर तथा बाहर हर समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा. मंदिर में प्रवेश से पहले भक्तों को हाथ सेनिटाइज करना होगा और कोविद-19 दिशानिर्देशों के अनुसार हर समय व्यक्तिगत दूरी बनाए रखनी होगी. साथ ही भक्तों से कहा गया है कि वे मंदिर के अंदर मूर्तियों न छुएँ.
मंदिर परिसर में पान-गुटखा चबाना और मंदिर परिसर के अंदर थूकना सख्त निषिद्ध है. यदि उल्लंघन करते हुए पाया गया तो 1000 रुपये का जुर्माना प्रत्येक उल्लंघन के लिए लगाया जाएगा. इतना ही नहीं मंदिर के अंदर पॉलीथिन बैग ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध है. इसका उल्लंघन करने पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. भक्तों को मंदिर के अंदर केवल निर्दिष्ट स्थान पर दीपों को जलाने की अनुमति दी जाएगी.
भक्तों को मंदिर परिसर में आनंद बाजार में केवल निर्दिष्ट स्थानों पर महाप्रसाद सेवन करने की अनुमति होगी. नई गाइडलाइन के अनुसार, पुरी के निवासियों के लिए एक सुबह 6 बजे से सुबह 7 बजे तक की विशेष व्यवस्था को बंद कर दिया गया है. कतार प्रणाली में मंदिर में भक्तों का प्रवेश शू स्टैंड के विपरीत लगे बैरिकेड्स से शुरू होगा. सभी भक्त सिंहद्वार से प्रवेश करेंगे. दर्शन के बाद सिंहद्वार (पूर्व द्वार) को छोड़कर सभी द्वारों के माध्यम से निकास अनुमति दी गई है. जो लोग अपने सामान जैसे जूते, मोबाइल आदि को जूता स्टैंड पर जमा करते हैं, उनको सलाह दी गयी है कि वह गजद्वार (उत्तर द्वार) से निकालते समय सामने वाले स्टैंड से सामान प्राप्त करें. इससे उनको सामान लेने में आसानी होगी. सप्ताह में तीन दिन भक्तों के दर्शन के बाद रात के समय मंदिर परिसर को सेनिटाइज किया जायेगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए दिशानिर्देशों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.