भुवनेश्वर. पुरी धाम स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर जारी हेरिटेज बाय-लॉ को वापस लेने पर पुरी श्रीमंदिर के सेवायतों ने केंद्र के प्रति आभार जताया है. भगवान श्री जगन्नाथ के मंदिर के सेवायतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र के साथ केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से मुलाकात की और पुरी श्रीमंदिर के लिए विवादास्पद बाय-लॉ को वापस लेने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को पुरी श्रीमंदिर के लिए प्रस्तावित बाय-लॉ के मसौदे को वापस लेने का निर्देश दिया था. इसके लिए ओडिशा से भाजपा सांसदों की एक टीम ने धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में केंद्रीय संस्कृति मंत्री से मुलाकात कर इसे वापस लेने के लिए जोर दिया था.
भाजपा सांसदों के अलावा बीजद सांसदों की एक टीम ने भी कल पटेल से अलग से मुलाकात की और विवादास्पद हेरिटेज बाय-लॉ को वापस लेने की मांग की थी.
भाजपा और बीजद सांसदों के साथ अलग-अलग बैठकों के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने एनएमए के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विवादास्पद मसौदा अधिसूचना को वापस लें. मंत्री ने कहा कि मसौदा अधिसूचना एनएमए के अध्यक्ष के ज्ञान के बिना जारी की गई थी.
इससे पहले सोमवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी की अपनी यात्रा के दौरान प्रस्तावित अधिसूचना को वापस लेने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि कोई भी सरकार की विरासत गलियारे परियोजना के हिस्से के रूप में 12वीं शताब्दी के मंदिर के आसपास विकास कार्यों को रोक नहीं सकता है. इसलिए केंद्र सरकार को बाय-लॉ को हटा देना चाहिए.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी के मुख्य प्रशासक ने विरोध जताते हुए पत्र लिखकर इसे वापस लेने की मांग की थी और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी को प्रदत्त अधिकारों से अवगत कराया था.
पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर को लेकर नेशनल मॉन्यूमेंट अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन का पुरी से बीजद सांसद तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्र ने कड़ा विरोध किया था. उन्होंने ट्वीट कर इस नोटिफिकेशन को निंदा पूर्ण बताने के साथ-साथ कहा था कि इससे उड़िया भावनाओं को आघात पहुंचा है. उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा श्री मंदिर व लिंगराज मंदिर के आस पास किए जा रहे अच्छे कार्य को रोकने का यह केंद्र सरकार सरकार का एक प्रयास है. उन्होंने इस नोटिफिकेशन को तत्काल वापस लेने की मांग की थी.