गुवाहाटी. असम के शिवसागर में भूमि आवंटन प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ – सबका विकास, सबका विश्वास, इस मंत्र पर चल रही हमारी सरकार असम के हर हिस्से में, हर वर्ग को तेजी से विकास का लाभ पहुंचाने में जुटी है। पहले की नीतियों के कारण चाय जनजाति की क्या स्थिति हो गई थी, ये मुझसे ज्यादा आप लोग जानते हैं। अब चाय जनजाति को घर और शौचालय जैसी मूल सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। चाय जनजाति के अनेक परिवारों को भी ज़मीन का कानूनी अधिकार मिला है। चाय जनजाति के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पहली बार उनको बैंक की सुविधाओं से जोड़ा गया है। अब इन परिवारों को भी सरकार की अलग-अलग योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खाते में मिल पा रहा है। श्रमिक नेता संतोषटोपणो सहित चाय जनजाति के दूसरे बड़े नेताओं की प्रतिमाएं स्थापित करके, राज्य सरकार ने चाय जनजाति के योगदान को सम्मान दिया है।
मोदी ने कहा कि असम के हर क्षेत्र की हर जनजाति को साथ लेकर चलने की इसी नीति से आज असम शांति और प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है। ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडो लैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। मुझे विश्वास है कि अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।
मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार असम की ज़रूरतों की पहचान करके, हर ज़रूरी प्रोजेक्ट्स पर तेज़ी से काम कर रही है। बीते 6 सालों से असम सहित पूरे नॉर्थईस्ट की कनेक्टिविटी और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विस्तार भी हो रहा है, आधुनिक भी हो रहा है। आज असम और नॉर्थईस्ट भारत की एक्टईस्ट पॉलिसी, पूर्वी एशियाई देशों के साथ हमारा कनेक्ट बढ़ा रही है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण ही असम, आत्मनिर्भर भारत के एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है। बीते सालों में असम के गांवों में करीब 11 हज़ार किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। डॉक्टर भूपेन हज़ारिका सेतु हो, बोगीबिल ब्रिज हो, सरायघाट ब्रिज हो, ऐसे अनेक ब्रिज जो बन चुके हैं या बन रहे हैं, इनसे असम की कनेक्टिविटी सशक्त हुई है। अब नॉर्थईस्ट और असम के लोगों को आने-जाने के लिए लंबे मार्ग से और जीवन को खतरे में डालने की मजबूरी से मुक्ति मिल रही है। इसके अलावा जलमार्गों से बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि असम में जैसे-जैसे रेल और एयर कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ रहा है, लॉजिसिट्क्स से जुड़ी सुविधाएं बेहतर हो रही है, वैसे-वैसे यहां उद्योग और रोजगार की नई संभावनाएं बन रही हैं। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में आधुनिक टर्मिनल और कस्टम क्लीयरेंस सेंटर का निर्माण हो, कोकराझाड़ में रुपसी एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण हो, बोंगई गांव में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब का निर्माण हो, ऐसी सुविधाओं से ही असम में औद्योगिक विकास को नया बल मिलने वाला है।
मोदी ने कहा कि आज जब देश गैसबेस्ड इकॉनॉमी की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, असम भी इस अभियान का एक अहम साझीदार है। असम में तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बीते वर्षों में 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। गुवाहाटी-बरौनी गैस पाइप लाइन से नॉर्थईस्ट और पूर्वी भारत की गैस कनेक्टिविटी मजबूत होने वाली है और असम में रोज़गार के नए अवसर बनने वाले हैं। नुमालीगढ़ रिफाइनरी का विस्तारीकरण करने के साथ-साथ वहां अब बायो-रिफाइनरी की सुविधा भी जोड़ी गई है। इससे तेल और गैस के साथ-साथ असम इथेनॉल जैसा बायोफ्यूल बनाने वाला देश का मुख्य राज्य बनने वाला है।
मोदी ने कहा कि असम अब स्वास्थ्य और शिक्षा के हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। एम्स और इंडियन एग्रीक्लचर रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान बनने से असम के युवाओं को आधुनिक शिक्षा के नए अवसर मिलने वाले हैं। जिस तरह से असम ने कोरोना महामारी को हैंडल किया है वो भी प्रशंसनीय है। मैं असम की जनता के साथ ही सोनोवालजी, हेमंताजी और उनकी टीम को विशेष रूप से बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि असम अब टीकाकरण के अभियान को भी सफलता के साथ आगे बढ़ाएगा। मेरा असमवासियों से भी आग्रह है कि, कोरोना टीकाकरण के लिए जिसकी बारी आए, वो टीके जरूर लगवाएं। और ये भी याद रखें कि टीके की एक डोज नहीं, दो डोज लगनी जरूरी है।
मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत में बने टीके की डिमांड हो रही है। भारत में भी लाखों लोग अब तक टीका लगा चुके हैं। हमें टीका भी लगाना है और सावधानी भी जारी रखनी है। अंत में उन्होंने उन सभी साथियों को बधाई दी, जिनको भूमि का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि आप सब स्वस्थ रहें, आप सब प्रगति करें।
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