नई दिल्ली। आयकर विभाग की ओर से असम में अग्रणी कोयला कारोबारी के यहां तलाशी और सर्वेक्षण की कार्रवाई की जा रही है। तलाशी और सर्वेक्षण की कार्रवाई गुवाहाटी, डिगबोई, मार्गेरिटा और दिल्ली के 21 ठिकानों पर की गई।
समूह के ऊपर प्रमुख आरोप यह है कि उसने कोलकाता स्थित शेल कंपनी के जरिए 23 करोड़ रुपये अवैध शेयर कैपिटल और 62 करोड़ रुपये, अन सिक्योर्ड लोन के जरिए अवैध रूप से हासिल किए हैं। समूह ने ऐसा अपने लाभ को कम दिखाने के लिए किया।
कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता सबूत पाए गए हैं कि समूह ने कई अवैध लेन-देन किए हैं। तलाशी कार्रवाई के दौरान कैश लेन-देन के सबूत, हाथ से लिखे हुए दस्तावेज, डायरी भी मिली है। जिनका उल्लेख कंपनी के रेग्युलर अकाउंट में नहीं किया गया है। सभी जगह की जांच में इस तरह करीब 150 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन किए गए हैं। इसमें से 100 करोड़ रुपये आयकर अधिनियम, 1961 के तहत विभिन्न नियमों के उल्लंघन के रूप में सामने आए हैं। इसी तरह जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इसके अलावा कर्ज संबंधी लेन-देन नकद के रूप में भी किए गए हैं। यह रकम 10 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इसके अलावा 7 करोड़ रुपये के स्टॉक में भी हेर-फेर पाया गया है। इस संबंध में समूह द्वारा कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जा सका है।
कोलकाता स्थित शेल कंपनी को समूह की एक कंपनी द्वारा अधिग्रहण किया गया। लेकिन इस संबंध में न तो कोई बुक अकाउंट मिला है और न ही रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा अनिवार्य दस्तावेज मिले हैं। जिससे साफ होता है कि समूह अवैध पैसों का लेन-देन फर्जी कंपनी के जरिए कर रहा था।
इसी तरह तलाशी के दौरान करीब 3.53 करोड़ रुपये की नकदी पाई गई है, जिसका भी कोई हिसाब समूह द्वारा नहीं दिया जा सका है। इसके अलावा नोटबंदी के समय शेयर कैपिटल में नकद निवेश की पहचान हुई है। इसके अलावा आगे की भी जांच जारी है।
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