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सर्वदलीय बैठक में मोदी ने दी जानकारी
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कहा- इस दौरान उठने वाली अफवाहों को सबको मिलकर रोकना होगा
नई दिल्ली. कोरोना वैक्सिन को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बारे में बीते दिनों मेरी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी लंबी बात हुई थी. टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे. कुछ दिन पहले मेड इन इंडिया वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही वैज्ञानिक टीमों से काफी देर तक उनसे बहुत ही सार्थक मेरी बातचीत हुई है. वैज्ञानिकों से मिलने का भी मौका मिला है. और भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत ही आश्वस्त हैं. उनका विश्वास स्तर बहुत ही मजबूत है. अभी अन्य देशों की कई वैक्सीनों के नाम बाजार में हम सब सुन रहें हैं. लेकिन फिर भी दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इस वजह से स्वाभाविक है पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है. अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जाकर मैंने ये भी देखा है कि वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर देश की तैयारियां कैसी हैं. हमारे भारतीय मैन्यूफैक्चर्स आईसीएमआर, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और ग्लोबल इंडस्ट्री के अन्य दिग्गजों के बहुत ही संपर्क में रहकर के तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. आप एक तरह से मानकर चलिए कि सभी कमर कसके तैयार बैठे हैं. करीब-करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन्स हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में ही होनी है. जैसा यहां चर्चा में भी बात आई, भारत की अपनी तीन अलग-अलग वैक्सीन्स का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है. एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि अब कोरोना की वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी. जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा. टीकाकरण के पहले चरण में किसे वैक्सीन लगेगी, इसे लेकर भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मिले सुझावों के आधार पर काम कर रही है. इसमें प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइनर और जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं वैसे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी. वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार की टीमें मिलकर के काम कर रही हैं. भारत के पास वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन दक्षता और सक्षम भी है. दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले इस क्षेत्र में हम बहुत बेहतर है. हमारे पास टीकाकरण के लिए दुनिया का बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क भी मौजूद है. इसका पूरा लाभ उठाया जाएगा. जो कुछ अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी, राज्य सरकारों की मदद से उसका भी आकलन हो रहा है. कोल्ड चेन को और मजबूत करने के लिए भी साथ ही साथ अनेक नए प्रकल भी चल रहे हैं. कई और नए प्रयास भी चल रहे हैं. भारत ने एक विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया है को-विन, जिसमें कोरोना वैक्सीन के लाभार्थी, वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और स्टोरेज से जुड़ी रीयल टाइम इनफॉरमेशन रहेगी. भारत में कोरोना वैक्सीन की रिसर्च से जुड़े दायित्व के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया था. और वैक्सीन से जुड़े अभियान का दायित्व नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप को दिया गया है. इसमें टेक्नीकल एक्सपर्ट्स हैं, केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी हैं, प्रत्येक जोन के हिसाब से राज्य सरकारों के भी प्रतिनिधि हैं.ये राज्य सरकारों के साथ मिलकर के काम कर रहा है. राष्ट्रीय और स्थानीय, हर जरूरत के मुताबिक फैसले इस ग्रपुप द्वारा सामूहिक तौर पर लिये जाएंगे.
वैक्सीन की कीमत कितनी होगी, इसे लेकर भी सवाल स्वभाविक है.केंद्र सरकार, इस बारे में राज्य सरकारों के साथ बात कर रही है. वैक्सीन की कीमत को लेकर फैसला, जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाएगा.और राज्य सरकारों की इसमें पूरी सहभागिता होगी.
एक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो फैसले लिए, जिस प्रकार भारत ने तेज़ी से वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया, उसका परिणाम आज दिख रहा है.भारत आज उन देशों में है जहां पर प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज्यादा हो रही है.भारत आज उन देशों में है जहां पर रिकवरी रेट भी बहुत ज्यादा है.भारत उन देशों में भी शामिल है जहां पर कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु दर इतनी कम है.भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है, वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है. विकसित देशों, अच्छे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देशों की तुलना में भी भारत ने इस लड़ाई को कहीं बेहतर तरीके से लड़ा है और अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाई है.हम भारतीयों का संयम, हम भारतीयों का साहस, हम भारतीयों का सामर्थ्य, इस पूरी लड़ाई के दौरान अतुलनीय रहा है, अभूतपूर्व रहा है.हमने सिर्फ अपने ही नागरिकों की चिंता नहीं की बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी बचाने का हरसंभव प्रयास किया.
फरवरी-मार्च के आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है.अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं, तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत ज़रूरी है.आप सभी अनुभवी साथियों के सुझाव भी समय-समय पर भी इसमें प्रभावी भूमिका निभाएंगे.आप सभी जानते हैं कि जब भी इतना व्यापक टीकाकरण अभियान चलता है तो अनेक प्रकार की अफवाहें भी समाज में फैलाई जाती हैं.ये अफवाहें जनहित और राष्ट्रहित दोनों के विरुद्ध होती हैं. इसलिए हम सभी दलों का ये दायित्व है कि देश के नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें, उन्हें किसी भी अफवाह से बचाएं. इसके साथ ही, हम जानते हैं दुनिया में जिस प्रकार से कर्व बदल रहा है और चित्रक कहां से कहां जाएगा कोई कह नहीं सकता और ऐसे में हमारे जो proven रास्ते हैं, proven हथियार हैं, उसको हमने कभी भी छोड़ना नहीं है और इसलिए दो गज की दूरी और मास्क के प्रति भी हमें लोगों को लगातार सतर्क करते रहना है.