भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना से दूबारा संक्रमण होने के चार मामलों की पुष्टि हुई है. पुनः संक्रमण के इस संख्या ने राज्य में खतरे की घंटी बजा दी है और ठंड के मौसम में कोरोना के बढ़ने की संभावना है. लोगों की लापरवाही इसको बढ़ावा दे सकती है. यह जानकारी इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) के निदेशक अजय कुमार परिडा ने देते हुए कहा कि राज्य में कोरोन वायरस के पुनः संक्रमण के तीन से चार मामले सामने आए हैं. आईएलएस में इन मामलों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोविद-19 से स्वस्थ होने के बाद यह कैसे दूबारा संक्रमित हुए हैं.
हालांकि राज्य में कोरोना के नए मामलों का ग्राफ नीचे गिर रहा है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सहयोग और जागरूकता के कारण पूजा सीजन के दौरान कोविद-19 संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य में पुनः संक्रमण के ये मामले चिंता की घंटी बजा रहे हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है. राज्य में गिरती संख्या को देखते हुए हमें लापरवाही नहीं करनी है. उल्लेखनीय है कि सितंबर महीना कोरोना संक्रमण की दृष्टि से पीक मंथ थाय इस दौरान ओडिशा में कोविद-19 सकारात्मकता के 4,000 से मामले दर्ज किए गए थे. 25 सितंबर के बाद मामलों में कमी आई है और वर्तमान में राज्य प्रतिदिन लगभग 1,500 के आसपास मामले पाये जा रहे हैं. राजधानी भुवनेश्वर में भी प्रति दिन लगभग 100 मामले पाये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लेकिन सर्दियों के मौसम में यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि लोग इस समय श्वासन रोगों की चपेट में हैं. यह एक ऐसी अवधि है जिसमें हमें बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है और कोविद नियमों जैसे कि मास्क पहनना और सामाजिक दूरी रखने की जरूरत है. उन्होंने आगाह किया कि सर्दियों के दौरान ओडिशा में एक दूसरी कोविद-19 लहर की प्रबल संभावना है और इसलिए लोगों को सतर्क रहना होगा.