भुवनेश्वर. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के महिला संवर्ग का अखिल भारतीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग आयोजित हुआ. इसमें महिला संवर्ग की उपाध्यक्ष, डा कल्पना पांडे ने संगठन की यात्रा, ध्येय और संगठनात्मक संरचना के विषय में सभी प्रतिभागियों को बताया. महिला संवर्ग की प्रभारी, प्रियम्वदा सक्सेना ने संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और उनके पीछे की प्रेरणा को सभी प्रतिभागियों के साथ सांझा किया. अभ्यास वर्ग में दो विशिष्ट अतिथियों का पाथेय कार्यकर्ताओं को मिला. पद्मश्री से सम्मानित, विवेकानन्द केंद्र, कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने ‘ संगठन में महिलाओं की भूमिका ‘ विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने समय नियोजन, धैर्य और संगंठन में व्यक्तिगत सामर्थ्य एवं सामूहिक प्रयास से कार्य करने पर बल दिया. स्वामी विवेकानंद के विचार उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि भगवत गीता में स्त्री की सप्त शक्ति का उल्लेख है, उन्हें हमें जीवन में उद्धधृत करने की आवश्यकता है. निवेदिता भिड़े ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि संगठन के कार्य को इवेंट मैनेजमेंट ना समझा जाए क्योंकि यहां निरंतर प्रयास करते रहना आवश्यक है. भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं का योगदान विषय पर सम्बोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने मात्र शक्ति को प्रेरित करते हुए कहा कि मातृशक्ति शिशु की सृजन हार और राष्ट्र की आधाशिला है. उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों में राष्ट्र के श्रेष्ठ नेतृत्व के आह्वान से प्रेरणा लें, आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें. महिला संवर्ग की अतिरिक्त महामंत्री डॉ. निर्मला यादव ने विशिष्ट अतिथि अतिथियों का स्वागत किया.
संवर्ग सचिव डा गीता भट्ट ने विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया और संचालन संयुक्त मंत्री ममता डी के द्वारा किया गया. अभ्यास वर्ग में एबीआरएसएम के अध्यक्ष प्रो. जे पी सिंघल, महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा और संगठन मंत्री महेंद्र कपूर उपस्थित थे. देश भर से 24 राज्यों से 145 राज्य कार्यकारिणी की महिला कार्यकर्ताओं ने कार्यशाला में भाग लिया. एबीआरएसएम में देश भर के संबद्ध संगठनों से 3 लाख महिला कार्यकर्ता सदस्य हैं.